दुनियाभर के वैज्ञानिकों को ब्रिटेन अपने नए वीजा नियमों की मदद से अपने देश में आकर्षित करना चाहता है.ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने विज्ञान के अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाले बेहतरीन वैज्ञानिकों के लिए नए वीजा नियम पेश किए हैं. इन नए वीजा नियमों का मकसद दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों को ब्रिटेन आने के लिए लुभाना और उनकी मदद से देश को विज्ञान का “महाशक्ति” बनाना है.
‘ग्लोबल टैलेंट रूट प्रोग्राम’ कहे जा रहे इस कार्यक्रम के साथ ही जॉनसन ने उन्नत गणित के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए 30 करोड़ पाउंड लगाने के संकल्प की भी घोषणा की. यह राशि ऐसे शोधकर्ताओं और डॉक्टरेट के छात्रों की मदद करने में खर्च की जाएगी जो गणित के उन पहलुओं पर काम कर रहे हैं जिनसे हवाई यात्रा सुरक्षित बनाने, स्मार्ट फोन प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास में मदद मिलती है.
इस कार्यक्रम के तहत ब्रिटेन आने वाले लोगों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी. ब्रिटेन में नया वीजा नियम फरवरी से लागू हो जाएगा. एक बयान में प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा, “ब्रिटेन में वैज्ञानिक खोजों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है, लेकिन क्षेत्र का नेतृत्व करने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें प्रतिभा और अत्याधुनिक रिसर्च में निवेश जारी रखना होगा.” जॉनसन ने आगे कहा कि “इसलिए ही हम ईयू से अलग हुए, मैं संदेश देना चाहता हूं कि ब्रिटेन दुनिया के सबसे प्रतिभाशालीन दिमागों के लिए खुला है और हम उनके आइडिया को वास्तविकता में तब्दील करने में मदद करना चाहते हैं.”
ब्रिटेन और यूरोपीय संघ 31 जनवरी की रात एक-दूसरे से अलग होने जा रहे हैं. इसके कारण ब्रिटेन में कई दशकों का सबसे बड़ा आप्रवासन देखने को मिल रहा है. ब्रेक्जिट होने के बाद ईयू के नागरिक यूके में रहने और काम करने का अधिकार खो देंगे. ब्रिटेन को यही डर सता रहा है कि उसके यहां काम करने वाले कुछ बेहतरीन दिमाग देश छोड़ देंगे. गौरतलब है कि 2016 में ब्रिटेन में जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें 50 फीसदी से अधिक लोगों ने ईयू से अलग होने का फैसला लिया था. इसके बाद मार्च 2017 में ब्रिटेन की सरकार ने ब्रेक्जिट की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की थी. अब 31 जनवरी की रात ब्रिटेन ईयू से बाहर हो जाएगा.