विज्ञान और प्रौद्योगिकी किसी भी देश के विकास का आधार है: संजय शानराव धोत्रे

0
218

विज्ञान और प्रौद्योगिकी किसी भी देश के विकास का आधार है: श्री संजय शानराव धोत्रे

सीएसआईआर-सीरी के जयपुर केन्‍द्र में स्‍टूडेंट इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्‍पिटीशन का उद्घाटन

IISF-2020

भारत अंतरराष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव (आईआईएसएस2020) के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे स्‍टूडेंट इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्‍सपो का उद्घाटन श्री संजय शानराव धोत्रे, माननीय शिक्षा, संचार एवं इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स तथा आईटी राज्‍यमंत्री ने किया। वर्चुअल रूप से आयोजित किए जा रहे इस इवेंट के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि आईआईएसएफ संभवत: विश्‍व में सबसे बड़ा विज्ञान महोत्‍सव है जो युवाओं को प्रेरित और प्रोत्‍साहित करने के लिए वर्ष 2015 में आरम्‍भ किया गया था। अपने संबोधन में उन्‍होंने बताया कि इस वर्ष आईआईएसएफ का केंद्रीय विषय ‘आत्‍मनिर्भर भारत और विश्‍वकल्‍याण के लिए विज्ञान’ है।

 

 

 

माननीय धोत्रे जी ने कहा कि प्रतिवर्ष इस महोत्‍सव की लोकप्रियता बढ़ने के साथ-साथ इसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों की प्रतिभागिता भी बढ़ रही है। श्री धोत्रे ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से प्रतिभागी विद्यार्थी समाज और देश के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए अपने नए मॉडलों के साथ नए विचार सामने रखेंगे। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए उनके द्वारा दिए गए उद्घोष ‘जय जवान, जय किसान के बाद ‘जय विज्ञान’ के समावेश का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें अपने प्राचीन ज्ञान-विज्ञान पर गर्व है। श्री धोत्रे ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी को किसी भी देश के विकास का आधार बताया। उन्‍होंने वैज्ञानिकों और शिक्षकों के साथ-साथ स्‍टार्टअप्‍स, उद्यमियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे इस वर्चुअल कार्यक्रम में पधारें और नई प्रतिभाओं को तलाश कर उनके मॉडलों को प्रौद्योगिकी के रूप में सामने लाने में सहयोग करें। अंत में उन्‍होंने आयोजन की सफलता की शुभकामना दी।

इस अवसर पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के अध्‍यक्ष प्रोफेसर अनिल स्रहस्रबुद्धे ने अपने व्‍याख्‍यान में इस आयोजन के लिए सीएसआईआर-सीरी और विज्ञान भारती राजस्‍थान की सराहना की।उन्‍होंने देश में ज्ञान-विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए इस प्रकार के विज्ञान महोत्‍सवों के आयोजन की आवश्‍यकता बताते हुए उनके महत्‍व पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर सहस्रबुद्धे ने कहा कि चयनित 100 मॉडल्स में से दर्शाए गए 5 मॉडल का चयन आकस्मिक रूप से किया गया है। उन्होंने कहा कि चयनित सभी मॉडल एक से बढ़कर एक हैं और उनका विश्वास है कि शेष मॉडल, जो इस प्रतियोगिता के लिए प्राप्त हुए हैं, वे भी बेहतरीन होंगे। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के नियम के अनुसार पुरस्कार तो कुछ ही मॉडल्स को मिलेगा परंतु उन्होंने युवा शक्ति की इस भावना की प्रशंसा की जिन्होंने अपने मॉडलों के माध्यम से देश की समस्याओं का समाधान सुझाने का प्रयास किया है। उन्‍होंने प्रतिभागियों द्वारा प्रस्‍तुत मॉडलों की सराहना करते हुए समाज और देश की सेवा करने की भावना की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और हमारा युवा वर्ग देश को हर क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनाने में सक्षम है और प्रयासरत है। उन्‍होंने इस अवसर पर एआईसीटीई की कुछ प्रमुख गतिविधियों की जानकारी भी दी।

इस अवसर पर विशिष्‍ट अतिथि प्रोफेसर संदीप संचेती, कुलपति, एसआरएम विश्‍वविद्यालय; प्रोफेसर आर एल रैना, कुलपति, जेकेएल विश्‍वविद्यालय; श्री राकेश चोपड़ा, सीएमडी, राजस्‍थान इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंस्‍ट्रुमेन्‍ट्स लिमिटेड, जयपुर; श्री वी पी राठी, टैम्‍पसन्‍स इंस्‍ट्रूमेंट्स तथा श्री के. विक्रम रस्‍तोगी, स्‍टोन कंस्‍टलटेंट्स ने भी अपने संबोधन में आयोजन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की तथा सभी प्रतिभागियों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए साधुवाद दिया। प्रोफेसर संचेती ने कहा कि इस वर्ष हमें एसईएमसी के अंतर्गत 250 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं जिनमें से इस प्रतियोगिता में केवल 100 मॉडल को शामिल किया गया है।

अपने अध्‍यक्षीय उद्बोधन में श्री ओंकार राय, महानिदेशक, साफ्टवेयर टेक्‍नोलॉजी पार्क्स इन इंडिया (एसटीपीआई) ने देश में आईआईएसएफ जैसे महोत्‍सवों की प्रासंगिकता बताते हुए देश की युवा शक्ति की सराहना की। उन्‍होंने मुख्‍य अतिथि महोदय के संबोधन को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवा शक्ति को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करते हैं। श्री ओंकार राय ने कहा कि डिजिटल संस्करण के कारण इस वर्ष आयोजित किए जा रहे इस महोत्सव की पहुंच में आशातीत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है की नवाचार से भारत को समृद्ध बनाया जा सकता है और इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से नवोन्मेषी प्रतिभा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पी.सी. पंचारिया ने अपने स्‍वागत उद्बोधन में माननीय मुख्‍य अतिथि, विशिष्‍ट अतिथियों, की-नोट वक्‍ता एवं अन्‍य गणमान्‍य अतिथियों का स्‍वागत किया और आयोजन की सफलता की कामना की।

इस अवसर पर विज्ञान भारती-राजस्‍थान के सचिव तथा एसईएमसी के राष्‍ट्रीय समन्‍वयक डॉ. मेघेन्‍द्र शर्मा ने सभी अतिथियों एवं ऑनलाइन जुड़े सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों को आईआईएसएफ तथा एसईएमसी-2020 की रूपरेखा से अवगत करवाया।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्‍भ परम्‍परागत रूप से दीप प्रज्‍वलन तथा सरस्‍वती वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जी का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। साथ ही इस अवसर पर आईआईएसएफ तथा एसईएमसी-2020 का परिचय देने के लिए तैयार की गई वीडियो फिल्‍म भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों के समक्ष ज्‍यूरी व चयन समिति द्वारा कुछ चयनित परियोजनाओं के मॉडल भी प्रदर्शित किए गए। अतिथियों ने मॉडल्‍स के पीछे की भावना और परिश्रम की मुक्‍त कंठ से सराहना की। कार्यक्रम के अंत में विज्ञान भारती के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष डॉ. लक्ष्‍मण सिंह राठौड़, पूर्व महानिदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्‍ली ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया।

 

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here