अवधनामा संवाददाता
साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा खाएं, फाइलेरिया को दूर भगाएं
मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला
कुशीनगर। जनपद में 10 से 28 अगस्त तक चलने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(एमडीए)अभियान को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि सभी लोग फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन अवश्य करें। साथ ही दूसरों को भी इस बात के लिए प्रेरित करें कि वह फाइलेरिया रोधी दवा अवश्य खाएं। इस कार्य में मीडिया की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।
यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेश पटारिया ने मंगलवार को नगर के एक निजी होटल में आयोजित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान कहीं। उन्होंने अपील की कि दवा का सेवन आशा कार्यकर्ता के सामने ही करें। उन्होंने शपथ दिलाई कि फाइलेरिया से बचाव की दवा पाँच साल तक लगातार साल मे एक बार खाकर इस बीमारी को दूर भगाएं। उन्होंने बताया कि हम सभी को ऐसे प्रयास करने होंगे कि लोग इतने जागरूक हो जाएं कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करके खुद को और अपने परिवार को बचा सकें। इस दौरान पाथ संस्था के कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. नीरज पाण्डेय ने बतायें अब तक 1315 से अधिक हाथीपांव और 175 से अधिक हाइड्रोसील रोगियों को चिन्हित किया गया है।इस सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में जनपद में 40.48 लाख लक्षित लाभार्थियों को इस गंभीर बीमारी से बचाने के लिए 4303 स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से बूथ लगाकर एवं घर-घर जाकर आशा कार्यकर्ताएँ अपने सामने इन दवाओं का सेवन कराएँगी। दवाओं का वितरण बिल्कुल भी नहीं किया जायेगा। इन दवाओं कासेवन खाली पेट नहीं करना है। दो वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को इस दवा का सेवन करना है। सिर्फ गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोग दवा का सेवन नहीं करेंगे। बीपी, शुगर, थायरॉयड जैसी बीमारियों में भी दवा का सेवन करना है। इस बार एक से दो वर्ष के बच्चों को इसी अभियान के दौरान पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी। मलेरिया निरीक्षक विजय गिरी ने बताया कि फाइलेरिया विश्व में दीर्घकालिक दिव्यांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। हाथीपांव के नाम से प्रचलित यह बीमारी हो जाने पर इसका इलाज नहीं है सिर्फ़ प्रबंधन ही एकमात्र उपाय है।
पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों ने साझा किये अनुभव
रकाब दुल्मा पट्टी के पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) सदस्य और फाइलेरिया मरीज रामचंद्र तथा बांसगांव के पीएसजी सपोर्ट ग्रुप की 28 वर्षीया सीमा ने बताया कि काफ़ी समय तक उनकी फाइलेरिया की पहचान न हो पाने की वजह से उन्हें काफी भटकना पड़ा । ढेर सारे पैसे भी खर्च हो गये।
मीडिया ने दिया सहयोग का भरोसा
इस दौरान मीडिया के सदस्यों ने उपस्थित होकर इस दवा को खुद खाने तथा लोगों को प्रेरित करने का भरोसा दिलाया। मीडिया के लोगों ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से सवाल भी पूछे। सभी ने इन सवालों का जवाब भी पूरी तन्मयता से दिया।