सर्व शिक्षा अभियान की खुली पोल, मासूमों के हाथों में थमाया फावड़ा, कुदाल

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अवधनामा संवाददाता

मौदहा हमीरपुर।सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार के तहत सरकार सरकारी स्कूलों के लिए बहुत बडा बजट का हिस्सा खर्च करती है जिसके तहत कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को निशुल्क किताबें, बस्ता,जूते मोजे और ड्रेस के साथ ही मध्यान्ह भोजन भी दिया जाता है लेकिन एक स्कूल में इन सब चीजों के साथ ही बच्चों के हाथों में फावड़ा और कुदाल थमा कर साफ सफाई कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।हालांकि खण्ड शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में अध्यापक का बचाव करते हुए स्वच्छता अभियान का हिस्सा बताया है।और वीडियो देखकर जांच की बात कही है।
   इस समय एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें बच्चे फावड़ा और डलिया लेकर मिट्टी खोदते और फेंकने का काम करते दिखाई दे रहे जो वीडियो विकास खण्ड के गुढा गांव स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय का बताया जा रहा है।हालांकि अखबार वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
    वीडियो में विद्यालय और बच्चों के साथ ही प्रधानाचार्य की फ़ोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें छोटे छोटे बच्चों से पढ़ाई की जगह विद्यालय में मजदूरी करवाई जा रही है जिससे सीधे तौर पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और साथ ही सरकारी नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है।जबकि अगर कोई प्राइवेट प्रतिष्ठान अपने यहां नाबालिग बच्चों को नोकर रखता है तो श्रम विभाग द्वारा उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के साथ ही मुकदमा दर्ज कराया जाता है।लेकिन अब मामला स्कूल का है तो देखना है कि जिम्मेदार अधिकारी अध्यापकों और प्रधानाचार्य के विरुद्ध क्या एक्शन लेते हैं।
      उक्त वीडियो मौदहा क्षेत्र के गुढ़ा गांव स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय की वीडियो और फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें पढ़ाई की किताबों की जगह बच्चों के साथ में फावड़ा और तसला दिखाई दे रहा है और शिक्षा की जगह बच्चों से अपनी दबंगई के चलते मजदूरी करवाई जा रही है जिससे सीधे तौर पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और अपनी अध्यापकों की दबंगई और सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाने का नमूना पेश किया जा रहा है।
   इस संबंध में खण्ड शिक्षा अधिकारी राम गोपाल से बात की गई तो उन्होंने अध्यापकों का पक्ष लेते हुए इसको सफाई अभियान का ही एक हिस्सा बताया जिसमें बच्चे भी अपनी सहभागिता देते हैं और जांच की बात कही है लेकिन तस्वीरे कुछ और ही बयान कर रही है।
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