संजौली मस्जिद मामले में फैसला सुरक्षित, अगली सुनवाई 14 नवम्बर को

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राजधानी शिमला के उपनगनर संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण को गिराने के आदेश को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका पर जिला अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण शर्मा की अदालत ने स्थानीय लोगों की ओर से मामले में प्रतिवादी बनाने के आवेदन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस पर आगामी 14 नवम्बर को सुनवाई होगी। इसी तारीख़ को मुस्लिम पक्ष की ओर से मस्जिद में अवैध निर्माण गिराने के फैसले पर रोक लगाने वाली याचिका की मेंटेबिलिटी पर भी निर्णय लिया जाएगा। पिछली सुनवाई में अदालत ने मुस्लिम पक्ष को झटका देते हुए मस्जिद के अवैध निर्माण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

दरअसल शिमला नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ को मस्जिद की अवैध तीन मंजिलें गिराने का आदेश दिया है।

इस पर मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के सदस्य व ऑल हिमाचल मुस्लिम लीग के प्रवक्ता नज़ाक़त अली हाशमी ने 29 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त के फैसले के खिलाफ जिला अदालत में अपील दायर की थी। अदालत में दायर की गई अपील में दावा किया गया कि संजौली मस्जिद कमेटी पंजीकृत नहीं है और इस मसले पर फैसले का अधिकार मोहम्मद लतीफ को नहीं है। ऐसे में मोहम्मद लतीफ की ओर से कोर्ट में दायर किया गया हलफनामा गैरकानूनी है।

याचिकाकर्ता मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के अधिवक्ता विश्व भूषण ने बताया कि जिला अदालत ने स्थानीय लोगों को मामले में पार्टी बनाने पर फैसला सुरक्षित रखा है और इस पर अगली तिथि 14 नवम्बर को निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई में अदालत याचिकाकर्ता की याचिका की मेंटेबिलिटी पर भी निर्णय लेगी।

वहीं मामले में संजौली के स्थानीय लोगों की तरफ पेश हुए अधिवक्ता जगत पाल ने कहा कि स्थानीय नागरिकों की एक याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट ने आदेश दे रखे हैं कि जब-जब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी, तो स्टेकहोल्डर्स को सुना जाए। इसके तहत स्थानीय नागरिकों का भी पक्ष इस मामले में सुने जाने की जिला अदालत में आवेदन दिया गया है। इस पर आज सुनवाई के दौरान बहस हुई और अदालत 14 नवम्बर को इस पर फैसला सुनाएगी। उन्हें कहा कि मुस्लिम पक्ष की याचिका को लेकर भी अगली सुनवाई में अदालत अपना फैसला सुना सकती है, क्योंकि हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले को समयबद्ध निपटाने के निर्देश दिए हैं।

नगर निगम कोर्ट ने दिए हैं मस्जिद की तीन मंजिले गिराने के आदेश

संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण के मुद्दे पर भारी बवाल हुआ है। सुर्खियों में रहने वाली इस विवादित चार मंजिला मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर बीते पांच अक्टूबर को नगर निगम के कोर्ट में सुनवाई हुई। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बीते 5 अक्टूबर को मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर सुनवाई करते हुए मस्जिद की तीन मंजिलों को अवैध ठहराया और मस्जिद कमेटी को इन्हें ध्वस्त करने के आदेश दिए। इन आदेशों की अनुपालना करते हुए मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को गिराने का काम चला रखा है और मस्जिद का छत हटा दिया गया है।

हिमाचल हाईकोर्ट ने आठ हफ्तों में मामला निपटाने के दिए हैं आदेश

संजौली की विवादित मस्जिद का मामला हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट भी पहुंच गया है। संजौली के लोकल रेजिडेंट्स की तरफ से दायर याचिका में हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप शर्मा ने नगर निगम आयुक्त को आठ हफ्ते के भीतर फैसला सुनाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने आयुक्त को मामला समय पर निपटाने के साथ-साथ सभी हितधारकों को पार्टी बनाने को कहा।

दरअसल संजौली के स्थानीय नागरिकों की तरफ से हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में आग्रह किया गया है कि हाईकोर्ट नगर निगम आयुक्त को इस अवैध निर्माण के 2010 से चल रहे मामले का निपटारा समयबद्ध करने के निर्देश दे।

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