Thursday, May 15, 2025
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HomeUttar PradeshAyodhyaनए लुक में नजर आएगा संध्या सरोवर आम लोगों को करेगा आकर्षित

नए लुक में नजर आएगा संध्या सरोवर आम लोगों को करेगा आकर्षित

अवधनामा संवाददाता

पौराणिक स्थलों के विकास पर योगी सरकार की नजर*

अयोध्या।उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं तब से अयोध्या में धार्मिक पौराणिक स्थल विकास पर तेजी से अग्रसर है राम नगरी से जुड़े हर ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल को सरकार सजाने और संवारने पर पूरा ध्यान दिया है। आपको बता दें कि अयोध्या के सिविल लाइन इलाके बना इंदिरा मत्स्य विहार तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होने को है अब इस तालाब का नाम बदलकर “संध्या सरोवर“ कर दिया गया है। दो वर्ष पहले तक जिस जगह पर लोग जाने से भी कतराते रहे होंगे। अब वहां का नजारा ही बदल गया है। तालाब के पानी के ट्रीटमेंट के बाद आस-पास की दीवारों पर सुंदर चित्र उकेरे गए हैं। साथ ही यहां पर बने पार्क में कैंटीन व तालाब में नौका विहार की सुविधाएं भी प्रस्तावित हैं।
संध्या सरोवर का भी सौंदर्यीकरण किया गया है
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत हुए सौंदर्यीकरण का जायजा लेने के लिए कुछ पहले को प्रोजेक्ट के डायरेक्टर अशोक कुमार संध्या सरोवर पहुंचे। उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब लोग कुओं और तालाब के पास रहकर अपनी जिंदगी गुजार दिया करते थे, लेकिन आधुनिकता में इनका ख्याल नहीं रखा गया। अयोध्या के पांच कुंडों व अन्य कार्यों के सौंदर्यीकरण के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण नमामि गंगे के पास आया था। लगभग हर जगह का कार्य पूरा हो चुका है। संध्या सरोवर का भी सौंदर्यीकरण किया गया है। यहां पर बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब का नजारा बिल्कुल बदला हुआ है। उन्होंने बताया कि संध्या सरोवर की दीवारों पर वन्य जीवों की आकृतियों को उकेरा गया है। अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह ने बताया है कि अयोध्या के 9 कुंडों का कार्य जो चल रहा है लगभग उनमें से 5 कुंडों का कार्य कंप्लीट हो चुका है । 9 करोड़ रुपए की लागत से कुंडों का सुंदरीकरण व कायाकल्प किया जाना था। वही एक कुंड जिसका नाम पहले लाल डिग्गी के नाम से था अब इसका नाम संध्या सरोवर कर दिया गया है जो नमामि गंगे प्रोजेक्ट के माध्यम से सभी कुंडों का कायाकल्प सुंदरीकरण का काम किया गया है। इन कुंडों में फसाड लाइट, दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से चित्र भी बनाए गए हैं। यह काम नवंबर 2021 में शुरू किया गया था। यह कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है ।

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