Wednesday, March 19, 2025
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HomeUttar PradeshLalitpurएक परमात्मा और उसका वेद ज्ञान ही सनातन धर्म है : वेदार्थी

एक परमात्मा और उसका वेद ज्ञान ही सनातन धर्म है : वेदार्थी

 

अवधनामा संवाददाता

“धर्म व संप्रदाय”  विषय पर व्याख्यान संपन्न

महरौनी(ललितपुर). महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी जिला ललितपुर के तत्वावधान में वैदिक धर्म के सही मर्म से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा पिछले एक वर्ष से आयोजित “आर्यों के महाकुंभ” व्याख्यान माला में 17 जुलाई 2022 को “धर्म व संप्रदाय”  विषय पर आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी बिजनौर ने कहा कि द्वापर युग में महाभारत काल तक सभी मनुष्य सनातन वैदिक धर्म के अनुयाई थे उस समय तक कोई मत संप्रदाय नहीं था किंतु महाभारत युद्ध के पश्चात वेद का ज्ञान वा उसके जानने और मानने वाले नहीं रहें,गुरुकुलीय शिक्षा का अभाव होने से अनेक मतों संप्रदाओ का चलन प्रारंभ हुआ। परमात्मा द्वारा वेद का उपदेश “सम गच्छध्वम समवदध्वम”अर्थात तुम सब एक साथ  मिलकर चलो,सब एक सा बोलो,तुम सब ज्ञानियों के मन एक से हो। लोगों ने इस आदेश की जगह अपने अपने मत से लोगो में भ्रामक प्रचार सुरु कर दिया। महर्षि दयानंद जी से पूछा गया तुम नूतन को मानते हो,या पुरातन को ?तब उन्होंने कहा में न नूतन को मानता हूं न ही पुरातन को,में तो सनातन अर्थात सत्य को मानता हूं। जो सदा से हैं और सदा रहेगा जैसे परमात्मा एक हैं,धर्म भी एक हैं,सनातन एक हैं,काली रात्रि आती है पुन: प्रात: होता है वह पुरातन नहीं हैं बल्कि फिर नया होता हैं। हम एक ईश्वर की पूजा,एक वैदिक सनातन धर्म को भूल गए,अगर हम शुद्ध सनातन की बात करते हैं तो हमें उसकी सच्चाई को समझना होगा,इसके लिए हमें वेद और विद्वानों का संग करना होगा,तभी हम सच्चे सनातनी कहला सकेंगे। यजुर्वेद 40/1में कहा जो कुछ संसार में चर वा अचर हैं वह सब एक परमात्मा में व्याप्त हो रहा हैं उसको जान,और अपने धर्माचरण से आत्मा का आनंद भोग।हम सब उस एक सनातन देव का पूजन करें जिसको ऋग्वेद में कहा है “त्वम ही न पिता वसो”  हे सबको बताने वा सर्वत्र निवास करने वाले प्रभु  तू ही हम सब का पिता हैं तू हीं माता हैं अत: हम तेरा उत्तम मनन करते हैं। प्रसिद्ध गीतकार संगीतकार ललित मोहन साहिनी मुंबई ने भजन ओ३म् नाम जप ले बन्दे, जीवन संवार ले। त्याग और संयम से अपना जीवन गुज़ार दे। व्याख्यान माला में मनोहर लाल शर्मा गुरुकुल चोटीपुरा, डॉक्टर यतींद्र कटारिया मंडी धनौरा, राम कुमार दुबे शिक्षक, अवध बिहारी तिवारी केंद्रीय शिक्षक  कल्याणपुरा, अवधेश प्रताप सिंह बैंस, प्रो डॉक्टर व्यास नन्दन शास्त्री बिहार, आचार्य सुखवीर मुंबई, प्रो डॉ वेद प्रकाश शर्मा बरेली, चंद्रकांता आर्या, अनिल नरूला, प्रेम सचदेवा, सुमन लता सेन आर्य शिक्षिका, आराधना सिंह शिक्षिका, विमलेश सिंह, विवेक सिंह आर्य गाजीपुर,  कृष्णा सोनी इंदौर, रामावतार लोधी दरौनी, सौरभ कुमार शर्मा एडवोकेट प्रयागराज, कमला हंस, चंद्र शेखर शर्मा राजस्थान, शैलेश सविता ग्राम प्रधान अलीगढ़, शिवकुमार यादव बिजौर निवाड़ी, आदि जुड़ रहें हैं। संचालन संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य एवम आभार मुनि पुरुषोत्तम वानप्रथ  ने जताया।

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