मड़ावरा (ललितपुर)। वर्णी नगर मड़ावरा के पुण्य भाग्य से महावीर विद्या विहार में विराजमान परम पूज्य क्षमामूर्ती आचार्य विशद सागर जी, मुनि विशाल सागर, विशुद्ध सागर, विलक्ष्य सागर, विभोर सागर, क्षुल्लक विपिन सागर, आर्यिका भक्ति भारती, क्षुल्लिका वात्सल्य भारती माताजी के मंगल सानिध्य में दिनांक 21 से 26 जनवरी तक आयोजित होने वाले 1008 श्री समवशरण महामण्डल विधान का प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप जैन के निर्देशन में विधि विधान पूर्वक घट यात्रा एवं पात्र चयन प्रक्रिया के साथ सोमवार को शुभारंभ किया गया। विगत दिनों अपने ससंघ के साथ 25 वर्षो के लंबे अंतराल उपरांत धर्मनगरी मड़ावरा पधारे आचार्य विशद सागर जी मुनिराज की प्रेरणा से सकल दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा के संयोजन में 21 जनवरी से आयोजित होने वाले श्री समवशरण महामण्डल विधान के शुभारंभ अवसर पर ध्वजारोहण करने का सौभाग्य सूरज जैन, शुभम, रेशु जैन को प्राप्त हुआ। सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य प्रवीण जैन, अर्चना जैन को मिला, कुबेर इंद्र बनने का सौभाग्य डॉ.राकेश जैन एवं महायज्ञ नामक बनने का डा.विरधी चंद्र, चक्रवर्ती इंद्र बनने का डा.नीरज जैन को, सानत कुमार इंद्र बनने का सनत कुमार जैन को, ईशान इंद्र बनने का सुधीर कुमार सिंघई, महेन्द्र इंद्र बनने का चक्रेश कुमार, बाहुबली इंद्र बनने का राजू सेठी को सौभाग्य प्राप्त हुआ। आचार्य विशद सागर जी ने कहा कि पुण्यशाली जीवों का धन ही धर्म कार्यों में लगता है वह सौभाग्यशाली हैं जिन्होंने इस आयोजन में पात्रता प्राप्त की। आयोजकों ने बताया कि 21 जनवरी से प्रतिदिन नित्य नियम पूजन विधान, अभिषेक, शांतिधारा एवं शायं कालीन कार्यक्रमों में आरती भक्ति, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
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घट यात्रा, पात्र चयन के साथ समवशरण महामण्डल विधान का हुआ शुभारंभ
आचार्य विशद सागर जी ससंघ के सानिध्य में भक्ति भाव पूर्वक आयोजित होंगे विभिन्न धार्मिक आयोजन
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