सुधीर पांडेय (अवधनामा संवाददाता)
.भाजपा कांग्रेस और बसपा अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं किए है
सत्तारूढ़ दक परेशान, कैसे मिलेगी ज़िला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी
देवरिया(Devariya)। ज़िले में इनदिनों ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर चर्चाओं का बाज़ार गरम है। ज़िले में चर्चा है कि देश व प्रदेश में ज़ीरो टॉलरेंस पर काम करने वाली भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा। अभी पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में चिंतन प्रारम्भ हो चुका है। इस बार जनपद में सामान्य सीट होने के वजह से सभी पार्टियां ऊहापोह की स्थिति में है, लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस बार अपना उम्मीदवार एक राजनीति घराने से उतरा है। बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि क्या ज़ीरो टॉलरेंस की दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शैलजा यादव धोबिया पाठ मारने में सफल हो पाएंगी, या समाजवादी पार्टी की गुटबाजी ही इनको पछाड़े गी।
आपको बताते चले कि शैलजा यादव समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राम इकबाल यादव की पुत्र बधू है। पूर्व जिलाध्यक्ष काफी समय से राजनीति में सक्रिय रहे है और इनकी प्रत्येक बिरादरी में अच्छी पकड़ बताई जा रही है। राम इकबाल यादव 2009 से 2020 तक समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे है, लेकिन समाजवादी पार्टी के गुटबाजी को किस तरह से संभालेंगे ये सबसे अहम बात होगी। शैलजा यादव के सामने बहुत बड़ी चुनौती होगी पार्टी की गुटबाजी।इसके अलावा जो ज़िला पंचायत सदस्य चुनाव जीत कर आए हुए है, क्या इनको स्वीकार करेंगे या फिर अपना समर्थन किस आधार पर देंगे।भारतीय जनता पार्टी के 6 उम्मीदवार ही जीत हासिल कर पाए हैं जबकि समाजवादी पार्टी के ज़िला पंचायत सदस्य 22 जीत कर परचम लहराएं है। सभी पार्टियों की निगाह निर्दलीयों पर है। निर्दलीयों के भरोसे सभी उम्मीदवार अपना दंभ भर रहे हैं। अब देखना यह है कि निर्दलीय किस करवट बदलते है।
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