Saint Premanand Maharaj वृंदावन में संत प्रेमानंद से मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और एएसपी अनुज चौधरी ने आशीर्वाद लिया। संत प्रेमानंद ने कहा कि जिसे सजा मिलती है उसने कभी न कभी अपराध किया होगा क्योंकि भगवान बिना अपराध के किसी को सज़ा नहीं देते। उन्होंने निस्वार्थ भाव से कर्तव्य निभाने और भय-प्रलोभन से दूर रहने का संदेश दिया।
राधानाम का प्रचार व प्रसार कर प्रसिद्ध हुए संत प्रेमानंद का आशीर्वाद लेने रविवार की सुबह मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला एवं एएसपी अनुज चौधरी पहुंचे। दोनों ने एकांतिक वार्ता कर आशीर्वाद लिया। एएसपी अनुज चौधरी से संत प्रेमानंद ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए भगवान का स्मरण करने का आशीर्वाद दिया, तो मप्र के उप मुख्यमंत्री शुक्ला को अपने कर्म राष्ट्र, समाज की सेवा में बिना किसी भेदभाव, लोभ के बिताने का आशीर्वाद दिया।
संत प्रेमानंद से मप्र के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला व एएसपी अनुज चौधरी ने लिया आशीर्वाद
परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में रविवार की सुबह छह बजे उप्र पुलिस में एएसपी अनुज चौधरी एकांतिक वार्ता में पहुंचे। एएसपी अनुज चौधरी ने संत प्रेमानंद से सवाल किया कि एकबार एक युवक की मृत्यु हुई, तो उसके पिता ने पड़ोसी पर हत्या का आरोप लगा दिया। ऐसे में मुकदमा दर्ज हुआ। लेकिन, कोई सबूत न मेरे पास था और न ही आराेप लगाने वाले के पास। तो मेरी मजबूरी थी कि जिसपर आरोप लगाया उसे जेल भेजना है। क्या ये मेरे लिए अपराध है।
संत प्रेमानंद ने कही ये बात
तो संत प्रेमानंद ने कहा ये अपराध नहीं। अपराध का कोई सबूत भले न मिला हो। लेकिन, जिसे सजा मिल रही है, उसने कभी न कभी अपराध किया जरूर होगा। बिना अपराध के भगवान किसी को सजा तय नहीं करता। जिसे सजा मिले, उसके पीछे भगवान की तय नीति है। अपराधी कोई भी हो अपनी सजा से एकबार तो बच जाएगा। लेकिन, विधान उसका पीछा नहीं छोड़ता। किसी न किसी घटना में उसे सजा निश्चित रूप से मिलेगी। ऐसे में आपका कोई दोष नहीं। आपको अपनी ड्यूटी निभाना आपका कर्म है, जो आपने निस्वार्थ भाव से किया।
मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला पहुंचे
मप्र के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला जब साढ़े छह बजे एकांतिक वार्ता में पहुंचे तो संत प्रेमानंद ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा भगवान ने कहा है मेरा स्मरण बना रहे और आप अपने कर्म को पूरा करते रहें। जो आपको पद मिला है, सेवा कार्य सरकार में मिला है, उस सेवा में ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन बिना किसी भय व प्रलोभन के साथ करना चाहिए।
संत प्रेमानंद ने कहा, कि भय और प्रलोभन किसी भी जीव को अपने कर्तव्य से गिरा देती हैं। इन दो से हमें बचना चाहिए। जिसके सहायक भगवान हैं, उसे भय किसी का नहीं होना चाहिए। जब तक भगवान को मंजूद नहीं तब तक आपकाे कोई मार नहीं सकता। आप अपने कर्तव्य का पालन करते हुए भय और प्रलोभन से दूर रहते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे तो लौकिक व पारलौकिक उन्नति निश्चित है। यही हमारे मनुष्य जीवन का लाभ है।