सहाबा इकराम की जिंदगी हमारे लिए अमली नमूना- मौलाना अब्दुल अलीम

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अवधनामा संवाददाता

जलसा सीरतुन्नबी व अज़मत ए सहाबा का आयोजन

बेलहरा बाराबंकी। फतेहपुर कस्बे की बड़ी मस्जिद में एक जलसा सीरतुन्नबी व अजमते सहाबा का आयोजन तेहरीके दिफा ए सहाबा की जानिब से किया गया।
सरपरस्ती मौलाना मोहम्मद हबीब क़ासमी ने और निजामत हाफिज मोहम्मद रिजवान ने की। जलसे के मुकर्रीर ए खुसूसी मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी ने खिताब करते हुए कहा कि कुरआन के बाद में दो वास्ते हैं एक जिब्रील का हुजूर से और दूसरा हुजूर से बकिया उम्मत तक यानी सहाबा तक अल्लाह ने जो जिब्रील से कहा वही जिब्रील ने हुजूर से कहा जो हुजूर ने कहा वही सहाबा ने कहा अब अगर सहाबा को कोई बुरा कहेगा तो ईमान से खारिज़ हो जायेगा न दीन उसमें रहेगा और न वो दीन में रहेगा। उन्होंने कहा कि सहाबा इकराम की जिंदगी हमारे लिए नमूना है उनके नक्शे कदम पर चलना चाहिए। जलसे में शायर मुजीब फतेहपुरी, नसीम अख्तर कुरैशी, अब्दुल हादी फैज़ी ने नात शरीफ पेश की। इस मौके पर मुफ्ती मोहम्मद नज़ीब क़ासमी, मौलाना मोहम्मद यूनुस कासमी , मौलाना मोहम्मद साबिर कासमी, मौलाना फखरुद्दीन मौलाना हाफिजुर रहमान नदवी, मौलाना फसीहुल इस्लाम नदवी, मौलाना जियाउद्दीन नदवी, मौलाना अरकम रशीदी, मौलाना असगर अली नदवी, एकराम आलम नदवी, मोहम्मद सलीम खान, फजलुर रहमान, हस्सान वासिफ, खतीब अल्वी, इज़हार अंसारी, मुईद अहमद सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।02

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