डॉक्टर के लिए सुरक्षित माहौल जरूरी : डॉ अलोक मिश्रा

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज :  पिछले दिनों शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में एक अल्सर से पीड़ित अधिवक्ता की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्यों द्वारा अस्पताल में तोड़फोड़ की गयी और अस्पताल कर्मचारियों के साथ मारपीट की गयी , जिससे डॉक्टरों का कहना है कि डॉक्टर अपने मरीज को बचाने का प्रयास करता है , डॉक्टर की लापरवाही में अधिवक्ता की मौत नहीं हुई , लेकिन अधिवक्ता के सम्बन्धियों द्वारा की गयी तोड़फोड़ और गले गलौज से डॉक्टर जगत डरा हुआ है .
एक प्रेस को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध गैस्ट्रोलॉजिस्ट अलोक मिश्रा ने कहा कि मरीज काली लैट्रिन की शिकायत लेकर आया था , उसको डॉक्टर ने जब देखा तो पता चला कि लीवर की समस्या थी और वहां घाव होकर आंतरिक रक्तश्राव हो रहा था .
डॉ मिश्रा के अनुसार मरीज की इंडोस्कोपी की गयी तो रक्तश्राव की जगह किलीपिंग कर दी गयी , दूसरे दिन मरीज का  सुबह ब्लड प्रेसर गिर गया और मरीज को बचाया नहीं जा सकता , इस बात का दुःख अस्पताल को भी है .
डॉ अलोक मिश्रा ने बताया कि मरीज की मृत्यु के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में उपद्रव मचाना शुरू कर
दिया। परिजनों ने अस्पताल के पुरूष एवं महिला कर्मचारियों के साथ अभद्रता की, उनको गन्दी – गन्दी एवं अश्लील गालियां दी, डराया धमकाया एवं मारपीट भी की , जिससे अस्पताल के कर्मचारियों में भय व्याप्त हो गया और उनको मरीजों के उपचार में परेशानी होने लगी। इस वजह से ओ.पी.डी. में अनेक मरीज वापस चले गये जिनमें कुछ बहुत ही गंभीर रहे होगें। भर्ती मरीज भी धीरे धीरे जिनमें कुछ अत्यन्त गंभीर थे, अस्पताल छोड़कर जाने पर मजबूर हो गये। इस प्रकार मृतक के परिजनों की वजह से मरीजों की जान-माल को नुकसान हुआ है।
डॉ मिश्रा ने बताया कि  मृतक मरीज के परिजनों ने अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया, फर्नीचर, कम्प्यूटर, सीसीटीवी एवं काँच के सामानों को तोड़ दिया। उन्होंने साक्ष्य मिटाने के लिए सीसीटीवी कैमरे तोड़े एवं अस्पताल परिसर में लगेडीवीआर   एवं नेटवर्किंग  स्विच  को भी तोड़ दिया और मृतक की भर्ती फाइल भी छीनकर ले गए। इस पूरी घटना की जानकारी टोल फ्री नं- 112 द्वारा एवं स्वयं मिलकर पुलिस
प्रशासन को दे दी गई थी।
डॉ अलोक ने अपनी शिकायत में और पत्रकारों से अपील किया कि हमारा अनुरोध है कि, इस तरह के अराजक तत्त्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी धाराओं में अपराध दर्ज करके कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इन धाराओं में उ.प्र चिकित्सा परिचर्या, सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा और सम्पत्ति की क्षति का निवारण) अधिनियम, 2013 ( उ.प्र. अधिनियम सं. 16 सन् 2013) अधिनियम के तहत आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
परतकारों से वार्ता में डॉ अलोक मिश्रा ने कहा कि शहर भर  में डॉक्टर स्वस्थ व्यवस्था को सँभालते हैं और ऐसे अराजक तत्व कि वजह से पूरा डॉक्टर समाज डरा हुआ है , प्रशाशन डॉक्टरों को उचित सुरक्षा मुहैया कराये .
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश नरसिंह होम्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुशील सिन्हा ने कहा कि इस समय डेंगू का खतरा बढ़ा हुआ है , डेंगू के मरीज बहुत आ रहे हैं , डेंगू में मरीजों की जान को भी खतरा हो रहा है , अगर ऐसे ही वाकया हुआ तो प्राइवेट अस्पताल जो म्हणत करते हैं उनके मनोबल पर असर होगा , लिहाजा प्रशाशन रोक लगाए और दबाव में लिखी गयी एफआईआर रद्द होनी चाहिए ./
प्रेस वार्ता के दौरान डॉ अलोक मिश्रा , डॉ. मंजुल , डॉ कार्तिकेय शर्मा , डॉ आशीष टंडन और डॉ सुशिल सिन्हा मौजूद थे .

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