अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। रामनगरी में सरयू तट पर सोमवार सुबह करीब 9 बजे पहुंचे एक साधु ने खुद अपना हाथ का पंजा बांका मारकर काट लिया। सरयू में स्नान करने के बाद उसने पीला वस्त्र पहना और पूजा की। इसके बाद, भीड़ के सामने ही उसने झटके से बांका मारकर पंजा अलग कर दिया। पंजा अलग होकर करीब एक फीट दूर गिरा। साधु भी जमीन पर गिर गया। खून से उसका पूरा शरीर लथपथ हो गया।
घटना को देखकर घाट पर मौजूद लोग हैरान रह गए। लोगों को समझ ही नहीं आया कि आखिर साधु ने ऐसा क्यों किया? लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस साधु को श्रीराम अस्पताल ले गई। साथ में उनका कटा हुआ पंजा भी ले जाया गया। डॉक्टरों ने तुरंत उनका ट्रीटमेंट शुरू किया। पूछताछ में साधु ने अपना नाम विमल मंडल बताया है। जोकि बिहार के अररिया जिले का रहने वाला है।
साधु विमल मंडल का कहना है कि वह बिहार सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार से परेशान है। इसके विरोध में 15 मार्च 2022 को बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मिलकर उसने इस पर काबू करने की मांग की थी। सीएम को 60 दिन का समय भी दिया था। इसके बाद वह जून में भी मिला था। उसकी बातों को सुना नहीं गया। समय बीत जाने पर भी जब सुनवाई नहीं हुई तो उसे ऐसा करना पड़ा। हालांकि, उसकी बातों में कितनी सच्चाई है पुलिस इसकी जांच कर रही है। साधु विमल मंडल बिहार के अररिया जिले के थाना भरगांवा में छरपिट्टी का रहने वाला है। अयोध्या पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। नयाघाट चौकी इंचार्ज विजयंत मिश्रा का कहना है कि साधु बिहार सरकार से नाराज होना बता रहा है। साधु ने बताया है कि वह बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर सीएम नीतीश कुमार से मिला था। लेकिन उसकी बात को तवज्जो नहीं दी गई है। साधु ने कहा, “मैं बिहार का रहने वाला हूं। समाजसेवी हूं। मैंने पीएम मोदी को भी एक महीने पांच दिन पहले बिहार के भ्रष्टाचार के बारे में लेटर लिखा था। लिखा था कि अगर एक अक्टूबर तक बिहार के भ्रष्टाचार को सार्वजनिक नहीं किया गया तो मैं अपना हाथ काट लूंगा। उसी खून से भ्रष्टाचार की फाइल रंगेगी। सुनवाई नहीं होने पर हाथ काटा हूं।”
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