अवधनामा संवाददाता
सोनभद्र/ब्यूरो प्रदेश सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रदेश के तमाम विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए पूरा ब्यौरा मांगा है। ताकि उसकी भर्ती प्रक्रिया को चालू कर अधिकाधिक बेरोजगारों को रोजगार दिया जा सके। लेकिन स्वास्थ्य विभाग सोनभद्र द्वारा अभी तक प्रदेश शासन के अपने यहां रिक्त पदों का ब्यौरा नहीं दिया है। जिसकी जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के पूर्व जिलाअध्यक्ष प्रत्याशी पुष्पेन्द्र शुक्ला ने सदर विधायक भूपेश चौबे को दिया है। जिले में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए सदर विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराते हुए बताया कि
उत्तर प्रदेश शासन एवं सरकार के उच्चतम स्तर को भ्रमित करने के उद्देश्य से बी०सी०जी० टेक्नीशियन के पदों को एवं कुष्ठ संवर्ग के पदो को अनुपयोगी बताकर संवर्ग को मृत घोषित कराने के महानिदेशालय के विवादित एवं पूर्वाग्रह से ग्रसित प्रस्ताव पत्र संख्या-11 /202025/2629, 18 मार्च,20021 के द्वारा तर्कहिन, आधारहीन एवं मिथ्या तथ्यों पर आधारित प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश शासन में परीक्षणोपरान्त औचित्तहिन पाते हुए अपने पत्र 06 अगस्त,2023 द्वारा निरस्त कर दिया गया है। साथ ही पुनः औचित पूर्ण प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराये जाने का निर्देश भी जारी किये हैं। जबकि पूर्व में जनप्रतिनिधियों द्वारा पहले भी आप को पत्र विस्तारपूर्वक साक्ष्य सहित अवगत कराया जा चुका है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2008 में शासनादेश जारी करके बी०सी०जी० टेक्नीशियन वर्ग के नये कार्य एवं दायित्व निर्धारित कराये जाते है। तत्पश्चात इन पदों को और कुशल बनाने के उद्देश्य से प्रदेश कैबिनेट की स्वीकृति से वर्ष 2017 में सेवा नियमावली के प्रथम संशोधन के फलस्वरूप सरकार द्वारा स्वयं मेडिकल फैकल्टी उत्तर प्रदेश के माध्यम से लगभग 11 सरकारी एवं निजी कालेजों में वर्ष 2018 से दो वर्षिय डिप्लोमा कोर्स प्रारम्भ कराया गया एक ओर जब सैकड़ों अभ्यर्थी डिप्लोमा कोर्स करने के पश्चात् योग्य होते हुए भी बेरोजगारी के कारण दर-दर ठोकरें खा रहे है, वहीं दुसरी ओर स्वास्थ्य विभाग में बी०सी०जी० टेक्नीशियन के 245 पद रिक्त होने के बावजूद भी रिक्त पदों पर भर्ती का अधियाचन प्रस्ताव शासन को जानबूझकर नहीं भेजा जा रहा है। ज्ञातब्य हो कि प्रधानमंत्री वर्ष 2025 तक टी०बी० मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत क्षय उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किये हैं परन्तु विडम्बना यह है कि जिन कर्मचारियों पर इस कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी शासन ने 2008 में ही सौपी थी उनके ही रिक्त पदों को भरने के बजाय भर्ती प्रक्रिया को जानबुझकर लटकाया जा रहा है। जनहित के इस अति आवश्यक प्रकरण में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करके स्वास्थ्य महानिदेशालय से अधियाचन प्रस्ताव अविलम्ब मंगवाकर भर्ती प्रक्रिया यथा शीघ्र शुरू कराया जाना जनहित में आवश्यक है।