अवधनामा संवाददाता
सोनभद्र/ब्यूरो। राष्ट्रीय संचेतना समिति के तत्वावधान में नगर पालिका सभागार में आदि कवि वाल्मिकी की जयंती के अवसर पर उक्त साहित्यिक संस्था पर वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर को ऋषि सम्मान से विभूषित के अंगवस्त्र, प्रमाणपत्र , लेखनी रामायण की पुस्तक नगद 1100 देकर अभिनंदन आयोजक मंडल जगदीश पंथी, निरंजन सिंह, रमेश देव पांडेय ने किया। सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार पारसनाथ मिश्रा ने किआ वक्तव्य देते हुए रामनाथ शिवेन्द्र, विजय शंकर चतुर्वेदी, नरेंद्र नीरव, डिग्री कॉलेज ओबरा के रंजीत सिंह, ॐ प्रकाश त्रिपाठी, कृष्ण मुरारी गुप्ता ने वृहद प्रकाश डालते हुए वाल्मिकी को नमन किये। संचालन वरिष्ठ पत्रकार भोला नाथ मिश्रा ने किया । डॉ अर्जुन दास केसरी ने सारगर्भित वक्तव्य देते हुए आदि कवि की संवेदना को आत्मसात करने की जरूरत बताया। मधुरिमा के निदेशक अजय शेखर जी ने कहा कि मान अपमान की परवाह किये बिना साहित्य पथ पर या समाजसेवा के पथ पर चलने वाला जीजस, सुकरात, कवीर, तुलसी बनता है। तदुपरांत कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें ईश्वर विरागी , अलका केशरी, जय श्री राय, दिलीप सिंह दीपक, प्रद्युम्न त्रिपाठी, वृजमोहन, दिव्य राय ,विकास वर्मा ,अब्दुल हई , नज़र मोहम्मद नज़र, प्रभात चंदेल, धर्मेश चौहान, राकेश शरण मिश्रा, सरोज सिंह, दयानद दयालु, डॉ लखन राम जंगली ने काव्य पाठ कर करुण ओज राष्ट्रवाद श्रृंगार रस की कवितायें छंद गीत ग़ज़ल मुक्तक पैरोडी सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिए इस अवसर पर नितिन सिंह , वेदमणि त्रिपाठी, हीरामणि मिश्रा, राकेश राय समेत सैकड़ो श्रोता देर शाम तक जमे रहे।
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