अवधनामा संवाददाता
उद्योग व्यापार मण्डल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को भेजा ज्ञापन
ललितपुर। जिला उद्योग व्यापार मंडल ने जिलाध्यक्ष सुरेश बडेरा के नेतृत्व में एक ज्ञापन केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में आटा, मैदा, बेसन, दूध, दही, पेपर, पेंसिल, एलईडी लाइट सहित विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी कर वृद्धि का कड़ा विरोध किया गया। सरकार ने व्यापारियों को दुर्घटना बीमा एवं पेंशन का उपहार देकर सराहनीय कार्य किया था, जोकि देश में व्यापारियों के साथ प्रथम बार यह सुविधाएं व्यापारियों को दी गई थी जिसकी भारत वर्ष के 7 करोड़ व्यापारियों ने सराहना की थी। लेकिन अब सरकार द्वारा जीएसटी वृद्धि का उत्तर प्रदेश का ढाई सौ करोड़ व्यापारी कड़ा विरोध करता है क्योंकि 25 किलोग्राम से सिंगल पैकिंग और लेबल वाले अन्य ब्रांडेड वस्तुओं पर 18 जुलाई से जो 5त्न जीएसटी लागू की है इसमें दाल चावल दूध दही एवं विभिन्न खाद्य वस्तुओं की कीमतो तो हमें कम से कम 2 से 5 रुपए प्रति किलोग्राम की वृद्धि हो गई है और व्यापार मंडल मांग करता है कि जीएसटी वृद्धि के विषय में निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार किया जाना अति आवश्यक है। 1,5,10,25 किलो के ब्रांडेड उत्पादों पर जीएसटी लागू की गई है जो उचित नहीं है। अगर पांच पांच किलो के पैकेट मिलाकर वजन 25 किलो से ज्यादा है तो 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी देनी पड़ेगी छूट तभी मिलेगी जब सिंगल पैकेट 25 किलो से अधिक होगा। डेरी कंपनियों के पैक फूड आइटम दूध, दही,छांच आदि पर भी जीएसटी शुल्क लगाया गया है जो अनुचित है। ब्लैड, पेपर, कैंची, पेंसिल, चम्मच, कांटे वाले चम्मच आदि कई वस्तुओं पर भी जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है इससे बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। सोलर, वाटर, हीटर पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी गई है जो अनुचित है। होटलों में अभी तक एक हजार रुपये तक के कमरे जीएसटी दर से बाहर थे अब उन पर 12 प्रतिशत जीएसटी शुल्क देना होगा। इसका प्रभाव गरीब लोगों की जेब पर पड़ेगा क्योंकि एक हजार रुपये से कम के कमरे कम आय वाले व्यक्ति ही लेते हैं। एलईडी लाइट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू की गई है ऐसा करके आपने घरों की रोशनी छीनने का कार्य किया है। देश में आजादी के बाद से लेकर आज तक 75 वर्षों में खाद्य पदार्थों पर पहली बार जीएसटी लागू की गई है जो अनुचित है पैकिंग में बिकने वाला दूध आटा दही चावल सभी कुछ महंगा हो गया है जीएसटी की बढ़ाई हुई दरों से आम आदमी किसान हो या मजदूर, व्यापारी हो या वकील, छात्र हो या अध्यापक, विधायक हो या सांसद, महिला हो या पुरुष सभी पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा इसका सीधा असर भारत के 90 प्रतिशत जनता पर पड़ेगा। सरकार ने जीएसटी की दरें बढ़ाकर बच्चों के मुंह से दूध दही छीनने का कार्य किया है इस जीएसटी वृद्धि की कितनी भी निंदा की जाए वह कम है इससे देश की गरीब जनता अत्यधिक परेशान होगी हम इस जीएसटी वृद्धि की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं अभी तक केवल ब्रांडेड वस्तुओं पर ही जीएसटी लगती थी परंतु अब हर वस्तु पर लागू कर दी गई है। पढऩे वाले बच्चों के पेपर, कटर, पेंसिल आदि पर जीएसटी लगाने से बोझ छात्रों पर पड़ेगा और गरीब घरों के बच्चों में पढऩे की रुचि कम होगी सरकार का ऐसा करना किसी भी हालत में सही नहीं कहा जा सकता जनपद ललितपुर के जिला उद्योग व्यापार मंडल रजिस्टर्ड ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि जीएसटी वृद्धि पर पुन: विचार कर इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। ज्ञापन देते समय अनेकों व्यापारी नेता मौजूद रहे।