धार्मिक पुस्तक का अपमान इंसानियत के खिलाफ : उलेमा

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उलेमा बोले भारत समेत सभी अमन पसन्द देश स्वीडन सरकार के सामने कराए विरोध दर्ज फ़िरोज़ ख़ान देवबंद। स्वीडन में एक रैली के दौरान कुरआन ए करीम की प्रति जलाए जाने पर उलेमा ने कड़ा रोष व्यक्त करते हुए इसे इंसानियत के खिलाफ क़रार दिया है। उलमा ने मांग करते हुए कहा कि हिंदुस्तान समेत दुनिया के सभी अमन पसन्द मुल्कों को इसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए।दारुलउलूम फ़ारूक़िया देवबंद के मोहतमिम मौलाना नूर उल हुदा  क़ासमी बस्तवी ने स्वीडन के शहर मोलमो में हुई घटना को शर्मनाक बताया। कहा कि धार्मिक पुस्तक का अपमान बेहद निंदनीय है। साजिश के तहत दुनियाभर में इस्लाम को निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन इससे इस्लाम पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। कुरआन करीम अनगिनत मुसलमानों के सीनों में महफूज़ है। मदरसा दारुलउलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना सालिम अशरफ  क़ासमी ने कहा कि स्वीडन में जिस तरह कुरआन पाक को जलाया गया वे शर्मनाक है। इसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान समेत दुनिया के सभी अमन पसन्द देशों को इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए। कहा कि आज साजिश के तहत कुरआन और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके लिए सभी देशों की सरकारों को कड़े कानून बनाते हुए दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए।

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