एग्री इंडिया हैकथॉन का केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने शुभारंभ किया
इनोवेशन व स्टार्टअप के गांव-गांव तक पहुंचने से छोटे किसानों का कल्याण होगा – श्री तोमर
कृषि क्षेत्र के विकास एवं समस्याओं के समाधान में युवाओं का होगा योगदान
एग्री इंडिया हैकथॉन के पहले संस्करण का शुभारंभ आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। एग्री इंडिया हैकथॉन कृषि क्षेत्र में संवाद करने और नवाचारों में तेजी लाने के लिए सबसे बड़ा ऑनलाइन कार्यक्रम है। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि इनोवेशन व स्टार्टअप्स के गांव-गांव तक पहुंचने से छोटे किसानों का कल्याण होगा और खेती के क्षेत्र में बड़ा सकारात्मक बदलाव आएगा। इस तरह के आयोजन से कृषि क्षेत्र की ताकत बढ़ेगी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एवं पूसा कृषि, आईसीएआर-आईएआरआई द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र को विकसित करने, अनुसंधान तथा नवाचार की दृष्टि से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई विषयों पर ध्यान आकर्षित करते हुए एग्री इंडिया हैकथॉन के आयोजन का सुझाव दिया था। प्रधानमंत्री जी का इस बात पर जोर है कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ाया जाएं और कृषि की समस्याएं एग्री हैकथॉन के माध्यम से भी हल की जाएं। श्री तोमर ने विश्वास जताया कि एग्री इंडिया हैकथॉन के माध्यम से, हमारे युवा रचनात्मक स्टार्टअप्स व स्मार्ट इनोवेटर्स के साथ कृषि क्षेत्र की बड़ी समस्याओं से निपटने में योगदान देंगे। यह प्रथम आयोजन कृषि के मौजूदा ढांचे के उत्थान और किसानों की आय बढ़ाने तथा समग्र रूप से उनके कल्याण के बड़े मिशन की दिशा में काम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर का एक अनूठा प्रयास है।
श्री तोमर ने कहा कि कृषि प्रधान हमारे देश में आधी आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि व गांव, ये हमारी ताकत है। हमारे गांवों का ताना-बाना प्रतिकूल परिस्थितियों में भी बना रहा है, कोविड में भी किसानों ने इसे जीवंत बनाए रखा। कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था में योगदान देते हुए अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है। हम सभी को यह सुनिश्चित करना है कि कृषि के क्षेत्र में और मुनाफा कैसे आए, युवाओं का आकर्षण खेती की तरफ कैसे बढ़े, फसलों का विविधीकरण कैसे हो, फर्टिलाइजर का उपयोग धीरे-धीरे कम हो, हम जैविक खेती व सूक्ष्म सिंचाई की ओर तेजी से बढ़े, खेती में लागत कम हो, महंगी फसलों की तरफ जाए, तकनीक का पूरा समर्थन कृषि को मिले, उत्पादन-उत्पादकता बढ़ें, वैश्विक मानकों के अनुसार खेती कर सकें एवं अधिकाधिक निर्यात करके किसानों को समृद्ध बना सकें और जीडीपी में कृषि का योगदान सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने कहा कि किसानों के परिश्रम में कोई कमी नहीं है, आज जरूरत इस बात की है कि कृषि क्षेत्र में नए आयाम जुड़े। इस दृष्टि से एग्री स्टार्टअप्स का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि इनोवेशन के लिए पीएम ने युवा पीढ़ी को उत्साहित किया, आह्वान किया है इस दिशा में युवा आगे बढ़ भी रहे हैं, वैज्ञानिक नित-नए अनुसंधान कर उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, क्लाइमेंट चेंज से उपजी चुनौतियों का मुकाबला करने पर हमारा ध्यान लगा हुआ है। साथ ही इसमें नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि हमारा देश युवा देश है, युवा ऊर्जा है, उसका सदुपयोग हो। कृषि व फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी जरूरी है, क्योंकि ये क्षेत्र देश की अधिक आबादी को रोजगार भी उपलब्ध करा सकते है। प्रधानमंत्री जी ने छह साल में लगातार इस दिशा में प्रयत्न किया है। किसानों की आर्थिक ताकत बढ़ाने के लिए केसीसी अभियान चलाया गया है व फरवरी से दिसंबर-2020 के बीच कोरोना के बावजूद काफी प्रगति हुई। अभी तक 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक ऋण का प्रवाह हुआ है।
श्री तोमर ने कहा कि हमें ध्यान रखने की जरूरत है कि छोटे किसान, जो 86 प्रतिशत है, वे खेती-किसानी में कैसे बने रहे व मुनाफे की खेती कैसे कर सकें। सरकार ने इस दृष्टि से 10 हजार नए एफपीओ बनाना शुरू किए हैं, जिन पर 6,850 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश लाते हुए गैप्स की भरपाई करने की कोशिश की जा रही है। गांव-गांव छोटे किसानों, बागवानी व फल-सब्जियों के किसानों को इंफ्रास्ट्रचर प्राप्त हो सकें, वेयर हाउस व कोल्ड चैन पहुंच सकें, इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का पैकेज मील का पत्थर साबित होगा। गांवों के छोटे किसानों तक नवाचार व स्टार्टअप नहीं पहुंचेंगे, तब तक उनका कल्याण व बदलाव कठिन है। कृषि मंत्रालय व आईसीएआर द्वारा भी स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। छोटे किसानों को बुवाई पूर्व औसत मूल्य की गारंटी मिल सकें, इसमें स्टार्टअप का योगदान हो व उनका ज्ञान नीचे तक पहुंचे तो खेती को मुनाफे में बदलने में देर नहीं लगेगी।
कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि प्रधानमंत्री जी व कृषि मंत्री जी के प्रयासों से युवाओं के खेती के प्रति आकर्षित होने की काफी संभावनाएं बढ़ गई है। इस तरह के नवाचार खेती-किसानी को काफी लाभ पहुंचाएंगे। कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि टेक्नालॉजी की दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इससे कृषि क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं निर्मित होगी। अतिरिक्त सचिव सुश्री डाली चक्रवर्ती व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने भी विचार व्यक्त किए। कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री छवि झा ने संचालन किया एवं आईएआरआई के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम से बड़ी संख्या में छात्र एवं युवा तथा अधिकारी जुड़े थे।
एग्री इंडिया हैकथॉन- यह कार्यक्रम मौजूदा कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के उत्थान और किसानों की आय और उनके समग्र कल्याण को बढ़ाने के बड़े उद्देश्य की दिशा में काम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर का एक प्रयास है। यह मंच छात्रों व युवा स्टार्ट-अप को अपने नवाचार और रचनात्मकता को व्यक्त करने का मौका देगा। यह आयोजन 60 दिनों के लिए होगा, जिसमें देशभर के 3000 से अधिक नवाचार, 5000+ प्रतिभागी, 100+ विचारक, 1000 से अधिक स्टार्ट-अप और 50+ स्पीकर होंगे। 20 से अधिक प्रवक्ता कृषि के आज और कल पर 7 क्यूरेटेड सत्रों में चर्चा करेंगे। एग्री इंडिया हैकथॉन नए युग के लिए तेज व मितव्ययी नवाचारों के लक्ष्य के साथ 5 परस्पर क्षेत्रों पर प्रभाव पैदा करना चाहता है। ये क्षेत्र हैं: खेती-सम्बद्ध गतिविधियों का मशीनीकरण, प्रिसिशन फार्मिंग जिसमें सेंसर, डब्ल्यूएसएन, आईसीटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी और ड्रोन, आपूर्ति श्रृंखला और कृषि रसद, फसलोपरांत एवं खाद्य प्रौद्योगिकी तथा मूल्य संवर्धन, कृषि अपशिष्ट से धन एवं कृषि में हरित ऊर्जा।
पुरस्कार और विकास के अवसर- हजारों प्रस्तुतियां, गहन सलाह, कड़ी चयन प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न फोकस क्षेत्रों से 24 सर्वश्रेष्ठ नवाचारों को 1,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। जीतने वाले नवाचारों को स्वतंत्र RABI द्वारा मूल्यांकन के अधीन, 29 RABI में से किसी एक पर क्रमशः 5 लाख और 25 लाख के इन्क्यूबेशन समर्थन, प्री-सीड और सीड स्टेज वित्तपोषण के लिए एक विशेष वरीयता भी मिलेगी। जीतने वाले नवाचारों में फील्ड परीक्षण का अवसर भी होगा और अगर वे इन्क्यूबेशन समर्थन का विकल्प चुनते हैं, तो RKVY- RAFTAAR नेटवर्क से प्रौद्योगिकी सत्यापन का उपयोग भी कर सकते हैं।