नई दिल्ली। (New Delhi) देश की इकोनॉमी में कैलेंडर वर्ष 2021 में 12 फीसद की दर से वृद्धि देखने को मिल सकती है। रेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स (Rating agency Moody’s Analytics ) ने यह अनुमान (estimate) जाहिर किया है। एजेंसी के मुताबिक पिछले साल 7.1 फीसद की गिरावट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy ) की निकट भविष्य (Future ) की संभावनाएं (possibilities) काफी अनुकूल हो गई हैं। मूडीज एनालिटिक्स (Moody’s Analytics ) ने शुक्रवार (Friday) को कहा कि 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त तिमाही (Quarter ended ) में भारत (India) की जीडीपी (GDP) की वृद्धि दर 0.4 फीसद पर रही। मूडीज (Moody’s) के अनुसार यह प्रदर्शन उम्मीद से कहीं बेहतर है क्योंकि जुलाई (July) से सितंबर तिमाही (September quarter )में देश की इकोनॉमी (Economy ) में 7.5 फीसद की गिरावट आई थी। रेटिंग एजेंसी के अनुसार पाबंदियों (Restrictions ) में ढील दिए जाने के बाद देश और विदेश की मांग सुधरी है। इससे हालिया (Recent) महीनों में मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन (Manufacturing production ) में बढ़ोत्तरी देखने को मिली।
प्रमुख रेटिंग एजेंसी (Leading rating agency ) ने अगली कुछ तिमाहियों में निजी खपत (private consumption ) में वृद्धि और इससे 2021 में घरेलू मांग (Domestic demand ) में सुधार का अनुमान जाहिर किया है। मूडीज (Moody’s) का अनुमान है कि कैलेंडर वर्ष 2021में जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 12 फीसद रह सकती है। पिछले साल का निचला बेस भी इसकी एक वजह है।
मूडीज (Moody’s) ने मौद्रिक (Monetary ) और राजकोषीय नीतियों 9 Fiscal policies ) के वृद्धि के अनुकूल रहने की उम्मीद जाहिर की है। उसने कहा है, ”हमारा मानना है कि कैलेंडर वर्ष 2021 में नीतिगत दरों में कोई अतिरिक्त कटौती नहीं होगी। यह (रेपो रेट) चार फीसद पर ही रहेगी।”
हालांकि, एजेंसी ने वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा के जीडीपी के सात फीसद के आसपास पहुंचाने की उम्मीद जतायी है
मूडीज(Moody’s) ने कहा कि 2021 में महंगाई दर में नियंत्रित वृद्धि देखने को मिलेगी। हालांकि, खाने-पीने की वस्तुओं या ईंधन के महंगा होने से परिवारों के खर्च पर असर पड़ेगा।