उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक उद्यमों के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि का आदेश जारी किया है। यह लाभ उन उद्यमों के कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है। बढ़ी हुई दरें 1 जनवरी 2025 से लागू होंगी। वित्तीय रूप से कमजोर या बंद होने वाले उद्यमों को यह लाभ नहीं मिलेगा और राज्य सरकार द्वारा कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी।
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक उद्यमों के कार्मिकों के महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। इसका लाभ उन सार्वजनिक उद्यमों के कार्मिकों को मिलेगा जिन उद्यमों की माली हालत अच्छी है।
महंगाई भत्ते की बढ़ी दरें एक जनवरी 2025 से प्रभावी होंगी। ऐसे सार्वजनिक उद्यम जिनकी हालत खस्ता है या जिन्हें बंद करने का निर्णय लिया जा चुका है उन्हें बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा। इसमें राज्य सरकार द्वारा कोई भी वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी।
इस आशय का शासनादेश सोमवार को सार्वजनिक उद्यम अनुभाग एक ने जारी किया। एक जनवरी 2018 से पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स पाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को एक जनवरी 2025 से मूल वेतन का 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा।
एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित वेतनमान पाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों जिनके द्वारा वेतन समिति उत्तर प्रदेश (2016) के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुतियों पर लिए गए निर्णयों के अनुसार पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स का चयन नहीं किया गया है अथवा जिनके वेतन एक जनवरी 2016 से पुनरीक्षित नहीं हुए हैं। ऐसे कार्मिकों को एक जनवरी 2025 से मूल वेतन का 252 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा।
इसी प्रकार, एक जनवरी 1996 से पुनरीक्षित वेतनमान पाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों जिनके द्वारा वेतन समिति उत्तर प्रदेश (2008) के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुतियों पर लिए गए निर्णयों के अनुसार एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित वेतन संरचना का चयन नहीं किया गया है अथवा जिनके वेतनमान दिनांक एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित नहीं हुए हैं।
सार्वजनिक उद्यमों के ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जिनका शासनादेश 11 सितंबर 2009 के अनुसार मूल वेतन के 50 प्रतिशत के वेतन के बराबर महंगाई भत्ते को महंगाई वेतन के रूप में परिवर्तित किए जाने का निर्णय लिया गया है, उनके लिए एक जनवरी 2025 से वेतन तथा महंगाई वेतन का 466 प्रतिशत मिलेगा।
ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जिनका शासनादेश 11 सितंबर 2009 के अनुसार मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर महंगाई वेतन के रूप में परिवर्तित नहीं किया गया है, उन्हे एक जनवरी 2025 से मूल वेतन का 516 प्रतिशत मिलेगा।