शरद ऋतु आने के बाद अब पूरे राज्य में रास महोत्सव का मौसम शुरू हो गया है। प्रदेशभर में रासोत्सव मनाने के लिए लोग तैयारियों में पूरी तरह से जुट गये हैं। इस कड़ी में गोलाघाट जिले के बादुलीपार के रंगामाटी सेउनी गांव में दस साल बाद रासोत्सव आयोजित किये जाने को लेकर तैयारी पूरे जोरशोर से चल रही हैं। रास महोत्सव को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
रंगामाटी नाटकम् की पहल पर श्रीकृष्ण की सम्पूर्ण रासलीला के आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। सैकड़ों छात्र-छात्राएं रास के मंचन के अभ्यास में इन दिनों व्यस्त हैं। रासलीला 18 और 19 नवंबर को रंगामाटी सेउनी गांव के रंगमंच पर प्रदर्शित की जाएगी।
असम में रास उत्सव की परंपरा काफी प्राचीन है। राज्य में रास महोत्सव का आयोजन मुख्य रूप से दो प्रकार से किया जाता है, जिसमें एक जीवंत नाट्य प्रस्तुति तथा दूसरा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से ओतप्रोत प्रतिमाओं के जरिए। निचले असम में रास महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में प्रतिमाओं को बनाया जाता है।