बेटे की मौत का गम इस तरह से भुला रहे हैं रसिक मेहता

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अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाले रसिक मेहता कोरोना काल में जिस हिम्मत का परिचय दे रहे हैं वैसा आसानी से कहीं मिलता नहीं है. रसिक मेहता का इकलौता बेटा पिछले साल कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया था. इस बेटे ने भविष्य के लिए पैसे बचाकर 15 लाख रुपये की एफडी कराई थी.

रसिक मेहता ने कोरोना की दूसरी लहर में वह एफडी तुड़वा दी. बेटा तो रहा नहीं इसलिए उन पैसों को कोरोना पीड़ितों पर खर्च करना शुरू कर दिया ताकि किसी और का बेटा इस महामारी की भेंट न चढ़ जाए. एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक़ रसिक मेहता अब तक दो सौ मरीजों को कोरोना किट और साढ़े तीन सौ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवा चुके हैं.

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जानकारी के अनुसार रसिक मेहता और उनकी पत्नी कल्पना रोजाना ऐसे लोगों की तलाश में निकलते हैं जो कोरोना की वजह से किसी दिक्कत में हैं. किसी के पास दवा नहीं है तो उसके लिए दवा खरीदते हैं. कोई पैसों की कमी की वजह से वैक्सीन नहीं लगवा पाया तो उसे अपनी कार में बिठाकर ले जाते हैं और उसे वैक्सीन लगवा देते हैं.

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