उत्तर प्रदेश में ब्रेन स्ट्रोक के तेजी से बढ़ते मामले, प्रारंभिक चरण में उपचार व जागरूकता से इलाज संभव : डॉक्टर अमित

0
246

हापुड़: ब्रेन स्ट्रोक / पैरालिसिस / लकवा / फालिश से देश में हर साल लगभग 18 लाख लोग मौत का शिकार बनते हैं और लगभग 30 % लोगों की मृत्यु इसी कारण होती है। वही उत्तर प्रदेश में इससे ग्रसित युवाओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। यूपी में ब्रेन स्ट्रोक के कुल पीड़ितों में 30 फीसदी युवा हैं, जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम है। साल दर साल आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इन युवाओं में 80 फीसद पुरुष हैं। अधिकतर लोगों की मृत्यु जानकारी के अभाव में होती है इसलिए इसके लक्षणों को शुरुआती स्तर पर पकड़ना और जागरूक होना बहुत आवश्यक है। यदि आप शुरुआती चरणें में ही इसका इलाज कराते हैं तो इसकी चपेट में आने से बच सकते हैं।

धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट-न्यूरोलॉजी डॉक्टर अमित श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक आने के कई कारण हो सकते हैं यदि सिर के कई हिस्सों में जब खून की सप्लाई सही तरीके से नहीं होती है तब ब्रेन स्ट्रोक आता है। मस्तिष्क में किसी कारण रक्त की आपूर्ति में रुकावट या रक्त वाहिकाओं के टूटने से भी स्ट्रोक आ जाता है। कभी कभी शरीर में होने वाले ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन में गिरावट के कारण भी दिमाग की नसें कमजोर होने लगती हैं और इस कारण स्ट्रोक आ जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण में मरीज के सिर में बहुत तेजी से दर्द होता है वह सही प्रकार से बोलने में असमर्थ रहता है और उसकी जुबान भी लड़खड़ाने लगती है। चक्कर सा आने लगता है व उसके हाथ व पैर सुन्न पड़ने लगते हैं, उसे चलने में दिक्कत होती है, आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगता है।
विश्व स्ट्रोक दिवस 29 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है जिससे इसके लक्षणों को समझकर प्रारंभिक स्तर पर ही उपचार किया जा सके और मरीज की जान बचाई जा सके। हर छह व्यक्ति में से एक व्यक्ति को पूरे जीवन में छोटा या बड़ा स्ट्रोक आने का खतरा बना रहता है। अनियंत्रित उच्च रक्तचाप, मधुमेह पर नियंत्रण इसके साथ ही धूम्रपान को छोड़कर आप इससे बच सकते हैं। इसके लिए दिन में कम से कम 30 मिनट (हर दिन लगभग 10,000 कदम) टहलें, रोजाना थोड़ा व्यायाम करें, उच्च रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करें, अपना वजन नियंत्रित करें, ताजे फल, सब्जियां और कम वसा वाले आहार लें,  मांस और मछली का संतुलित आहार लें, तनाव को दूर करने के लिए योग या ध्यान का अभ्यास करें।
ऊपर लिखी बातों को अपने जीवन में अपनाये क्योंकि एक स्वस्थ शरीर एवं बेहतर जीवन शैली द्वारा स्ट्रोक आने की संभावना को 80 फीसदी से कम किया  जा सकता हैं और इसके प्रारंभिक स्तर पर ही लक्षणों को समझ कर मरीज का इलाज कराकर उसे बचा सकते हैं।
Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here