फूलों की रंगोली और राधाराम के जयकारे… संत प्रेमानंद के जन्मोत्सव की बधाई देने वृंदावन में जमे हैं भक्त

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Saint Premananda Maharaj संत प्रेमानंद महाराज का जन्मोत्सव वृंदावन में मनाया जा रहा है। संत प्रेमानंद के दर्शन के लिए वृंदावन में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। भक्त सड़क पर फूलो की रंगोली सजाकर उनका स्वागत कर रहे हैं। वहीं संत प्रेमानंद के आने पर राधा नाम के जयकारे लगा रहे हैं। आज और कल दो दिनों तक आश्रम में कार्यक्रम आयोजित होंगे।

संत प्रेमानंद का पांच दिवसीय जन्मोत्सव चल रहा है, तो संत को बधाई देने को देश के विभिन्न प्रांतों के लाखों श्रद्धालुओं ने वृंदावन में डेरा डाला है। संत प्रेमानंद को जन्मोत्सव की बधाई देने के लिए श्रीराधा केलिकुंज में तो श्रद्धालुओं की भीड़ जुट ही रही है। लेकिन, यहां तय कार्यक्रम के कारण हजारों भक्तों को आश्रम में मनाए जा रहे जन्मोत्सव में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल पा रही।

भक्त रात्रिकालीन पदयात्रा में ही दर्शन कर संत प्रेमानंद को जन्मोत्सव की बधाई दे रहे हैं। ढोल वादकों का दल पदयात्रा के आगे रात के सन्नाटे को चीरता चल रहा है, तो संत प्रेमानंद के दर्शन होते ही भक्तों के जयकारे से वातावरण गूंज रहा है। उधर, श्रीराधा केलिकुंज में भी सुबह से शाम तक अनेक धार्मिक आयोजनों में शामिल होकर विभिन्न प्रांतों के श्रद्धालुओं ने संत प्रेमानंद को जन्मोत्सव की बधाई दी और आशीर्वाद भी लिया।

पदयात्रा के दौरान संत प्रेमानंद महाराज। फाइल।

रात के सन्नाटे में गूंज रहे ढोल की धुन और राधानाम के जयकारे

संत प्रेमानंद प्रतिदिन की तरह जब रात को पदयात्रा के लिए श्रीकृष्ण शरणम स्थित अपने आवास से निकले, तो घंटों पहले से ही सड़क पर दर्शन का इंतजार कर रहे भक्तों की खुशी का ठिकाना न रहा। संत के आगे बढ़ते ही हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं के जयकारे से वातावरण गूंज उठा। सन्नाटे भरी रात में गगनभेदी जयकारों ने लोगों के अंदर जोश का संचार कर दिया। छटीकरा मार्ग से जैसे ही संत प्रेमानंद सुनरख मार्ग के लिए मुड़े, सड़क किनारे खड़े श्रद्धालुओं के जयकारे शुरू हो गए।

सड़क पर रंगोली और श्रद्धालुओं की पुष्पवर्षा

पदयात्रा में आगे आगे ढोल वादन करते चल रहे बैंड की धुन जैसे-जैसे आगे बढ़ती, श्रद्धालुओं का जोश हिलोरे मार रहा था। राधा राधा के जयकारे और संत प्रेमानंद की जय की आवाज कानों में गूंजने लगी। सड़क पर फूलों की रंगोली सजी थी और श्रद्धालु पुष्पवर्षा कर संत प्रेमानंद का स्वागत कर रहे थे।

श्रद्धालुओं का अभिवादन करते हुए करीब एक घंटे की पदयात्रा के बाद संत प्रेमानंद श्रीराध केलिकुंज पहुंचे तो श्रद्धालुओं के जयकारे से वातवरण गूंज रहा था। आश्रम में दैनिक पूजा-पाठ और उत्सव की शुरुआत हुई।

आज व कल इस तरह भक्तों को मिलेगा प्रवेश

29 मार्च को महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा , मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान के अनुयायी।
30 मार्च को विरक्त परिकर संत प्रेमानंद के जन्मोत्सव में शामिल होगा।

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