साउथ के पॉपुलर अभिनेता राणा दग्गुबाती (Rana Daggubati) का नाम इन दिनों बेटिंग ऐप का प्रमोशन करने की वजह से सुर्खियों में हैं। गुरुवार को पुलिस ने उनके समेत 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद एक्टर की टीम ने मामले में सफाई दी और इस ऐप का समर्थन करने के पीछे की असली वजह का खुलासा कर दिया।
बेटिंग ऐप का प्रचार करने के मामले में टॉलीवुड के कुछ पॉपुलर स्टार्स की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। पुलिस ने राणा दग्गुबाती, विजय देवरकोंडा और प्रकाश राज समेत 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रशासन के एक्शन मूड में आने के बाद पॉपुलर अभिनेता राणा दग्गुबाती ने इस मामले पर अपना पक्ष रखा है।
इस मामले में सबसे पहले अभिनेता प्रकाश राज ने सफाई दी कि उन्हें अभी कोई पुलिस का समन नहीं मिला है। अगर उन्हें कोई समन भेजा जाता है, तो वह नियमों का पालन जरूर करेंगे। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया है कि साल 2016 में उनके जरिए एक बेटिंग ऐप का प्रमोशन किया गया था, क्योंकि वह कॉन्ट्रैक्ट में बंधे हुए थे। हालांकि, जब उन्हें इसका अहसास हुआ, तो उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट को आगे नहीं बढ़ाया। इसके अलावा, राणा दग्गुबाती की टीम ने भी स्टेटमेंट में एक्टर की तरफ से सफाई दी है।
राणा दग्गुबाती की टीम ने जारी किया बयान
अभिनेता की टीम द्वारा ने मामले में सफाई देते हुए दावा किया है कि राणा ने एक कंपनी के साथ साल 2017 में कॉन्ट्रैक्ट किया था, जिसके तहत उन्हें स्किल बेस्ड गेमिंग प्लेटफॉर्म का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था। टीम ने इस बात पर जोर दिया है कि उनका प्रचार उन जगहों तक सीमित था, जहां इस तरह के गेमिंग प्लेटफॉर्म को कानूनी मंजूरी मिली हुई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्टर की टीम के बयान में कहा गया कि ‘यह साफ करना जरूरी है कि राणा दग्गुबाती ने साल 2017 तक स्किल-बेस्ड गेम्स के ब्रांड एंबेसडर के रूप में एक अनुबंध किया था। गेमिंग ऐप के जरिए उनका समर्थन केवल उन इलाकों तक सीमित था, जहां बेटिंग ऐप्स कानूनी रूप से मान्य थे। उनकी लीगल टीम ने सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच की थी। कानूनी पक्ष को ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने इस प्लेटफॉर्म का प्रचार किया था।’
क्या कानूनी रूप से मान्य है बेटिंग ऐप?
बयान में आगे यह भी कहा गया है कि ‘उन्होंने इस प्रेस नोट को मामले से जुड़ी किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए जारी किया है। राणा दग्गुबाती ने जिस गेमिंग प्लेटफॉर्म का प्रमोशन किया, वह पूरी तरह से कानूनी और स्किल बेस्ड था। यह बताना भी जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस प्लेटफॉर्म को सट्टेबाजी ऐप्स से अलग माना है। कोर्ट का फैसला है कि ये गेम्स पूरी तरह से कौशल पर आधारित हैं।’