प्यार, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है, रक्षाबंधन
इस बार ग्रह-नक्षत्रों की दृष्टि से अत्यंत दुर्लभ व शुभ संयोग वाला दिन
सिद्धार्थनगर। भाई-बहन के असीम प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन इस बार नौ अगस्त शनिवार को मनाया जाएगा। शनिवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन दिनभर शुभ योग बने रहेंगे। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा। बहनें दिन में कभी भी अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेगी। बहनों को राखी बांधने के लिए लगभग सात घंटे का समय मिलेगा।
रक्षाबंधन भारत का एक प्रमुख त्यौहार है, जो भाई-बहन के प्यार, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है। हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व सिर्फ एक धागा बांधने का त्योहार नहीं है, बल्कि रिश्तों को और भी मजबूत करने का एक पवित्र अवसर है। इस साल इस दिन काफी शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा भद्रा और पंचक का साया भी नहीं रहेगा, जिससे बहनें अपने भाईयों की कलाई में सुबह से लेकर दोपहर तक आराम से राखी बांध सकती हैं।
रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जिसे पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भाई और बहन के प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। रक्षाबंधन को सबसे खास इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें भाई-बहन के रिश्तों की मिठास झलकती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हर साल रक्षाबधंन का पर्व मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर एक खास राखी बांधती हैं, जो सुरक्षा का प्रतीक होती है। राखी बांधने के बाद बहनें भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की प्रार्थना करती हैं. बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं।
आचार्य पंडित दयानन्द द्विवेदी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार जब भद्रा भूलोक पर होती है तब शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस बार ऐसी कोई स्थिति नहीं होगी। अतः बहनें दिनभर राखी बांध सकती हैं। इतना ही नहीं इस बार यह ग्रह-नक्षत्रों की दृष्टि से अत्यंत दुर्लभ व शुभ संयोग वाला दिन रहेगा। ऐसा संयोग कई वर्षों पूर्व बना था। बताया कि नौ अगस्त शनिवार को श्रवण नक्षत्र रहेगा। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, जिसकी स्वामिनी शनि है और शनिवार का स्वामी भी शनि है। श्रवण नक्षत्र स्वयं शनि की राशि में आता है और शास्त्रों के अनुसार श्रवण नक्षत्र के अधिपति विष्णु हैं, जबकि सौभाग्य योग के अधिपति ब्रह्मा है। इसलिए यह पर्व ब्रह्मा-विष्णु की साक्षी में संपन्न होगा, जो इसे आध्यात्मिक दृष्टि से और पावन बना देता है।
रक्षाबंधन पर तीन शुभ संयोग भी बन रहे
आचार्य आद्या प्रसाद के अनुसार राखी बांधने का सबसे शुभ समय सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा। इस दौरान कुल सात घंटे 37 मिनट तक बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं। आचार्य ने बताया कि इस दिन सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में रहेंगे। सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थसिद्धि योग जैसे तीन शुभ संयोग बन रहे हैं। ये योग सभी राशियों के जातकों के लिए फलदायक रहेंगे।