अवधनामा संवाददाता
प्रकृति के संरक्षण का दायित्व मानव समाज पर है : हरीश कपूर
ललितपुर। गोविन्द सागर बांध ललितपुर की तलहटी में स्थित ओशो फॉरेस्ट के योग स्थल पर मॉर्निंग वॉक डैम ग्रुप ललितपुर के योग साधकों द्वारा वृक्ष रक्षा पर्व के अंतर्गत पेड़-पौधों को रक्षा सूत्र बांध कर उनके संरक्षण का संकल्प लिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने पेड़ों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्हें लगाने उनके संरक्षण पर बल दिया। वक्ताओं ने बताया कि बांध की तलहटी में जिसको चौड़ाई क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है इस क्षेत्र लगभग पांच हजार पेड़ लगे हुए हैं जिनमे विशेष रूप से आंवला, नीम, जामुन, बांस, कचनार, शीशम, खैर, बबूल, सफेदा, कंजी, छेवला, अर्जुन, आम, इमली, खजूर सहित अनेक पेड़ लगे हुए हैं एवं समय-समय पर लगाये भी जाते हैं जो हमें फल, फूल, औषधि, इमारती एवं जलाऊ लकड़ी के अलावा शुद्ध ऑक्सीजन देते हैं जो मानव जीवन सहित विभिन्न प्राणियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अधिसंख्य मात्रा में घने पेड लगे होने के कारण यहां का तापमान आबादी वाले क्षेत्र से लगभग 5 डिग्री कम रहता है। इस क्षेत्र में शहर के अनेक लोग मॉर्निंग वॉक पर आते हैं सुरम्य वातावरण में योगा आसान करके स्वास्थ्य लाभ लेतें है। इस अवसर पर बुविसे प्रमुख हरीश कपूर टीटू ने बताया कि बेशक यहां का प्राकृतिक वातावरण बहुत ही सुंदर है हरयाली हर किसी के मन और तन के लिए बहुत ही आकर्षित करती है फिर भी विभाग की उदासीनता के कारण कुछ असामाजिक तत्व अपनी स्वार्थ पूर्ति हेतु पेड़ों को काटकर अनावश्यक क्षति पहुँचाते रहते हैं। योग साधकों की जागरूकता से पेड़ -पौधों को बचाने का कार्य निरन्तर किया जा रहा है जिससे यहां की स्थिति सुधरी भी है। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग समय-समय पर इस जंगल की निगरानी करते रहे तो इसके बिगड़ते स्वरूप को और सुधारा जा सकता है। इस अवसर पर साईं ज्योति संस्थान के संचालक अजय श्रीवास्तव ने योग साधकों द्वारा पेड़-पौधों को बचाने की चलाई जा रही मुहिम की सराहना करते हुए उन्हें फूल मालाओं से सम्मानित करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। वृक्ष रक्षा पर्व के कार्यक्रम में स्वामी अनुराग अमर, हरीश कपूर टीटू, आचार्यजी लक्ष्मी नारायण विश्वकर्मा, सलीम मंसूरी, अजय श्रीवास्तव, रूप नारायण विश्वकर्मा, अमित सोनी, विजय श्रीवास्तव, इं. हाकिम सिंह राजपूत, मुन्नाराजा चौहान, भरतलाल सेन, राजकुमार कुशवाहा, अनूप श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।