Monday, March 17, 2025
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रंगपंचमी के लिये विख्यात है राखपंचमपुर मेला

ललितपुर। विकास खण्ड जखौरा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम राखपंचमपुर में होली पर्व की रंगपंचमी पर श्रीश्री 1008 श्री सिद्ध बाबा मन्दिर पर भव्य मेला लगता है। यहां का मेला बुन्देलखण्ड सहित आसपास के जिलों में प्रसिद्ध है। मेला में हर साल लाखो श्रद्धालु सिद्ध बाबा मन्दिर पर दर्शन करने के पहुंचते है और अपनी हाजिरी दर्ज कराते है। यह मेला सिद्ध बाबा के चमत्कारों के लिये भी जाना जाता है। सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) फोड़ा फुन्सी पर लगाने से ठीक हो जाती है और पवित्र भभूति (राख) को अपने शरीर पर लगाने से कई असाध्य रोग वाले मरीजों को आराम मिलता है। यह मेला 19 मार्च से शुरू होगा। होली की रंगपंचमी पर लगने वाले राखपंचमपुर मेला की प्रसिद्धि निरंतर बढ़ती ही जा रही है। इसे वार्षिक कैलेण्डर में स्थान दिया जाता है।
सिद्ध बाबा का मन्दिर आस्था का केन्द्र बनता जा रहा है। यहां फोड़ा और फुन्सी से लेकर लाइलाज बीमारी सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) लगाने से ठीक होती है। सिद्ध बाबा मन्दिर का चमत्कार ग्रामवासियों व बाहर से आये हुये श्रद्धालुओं के मुंह से सुने जा सकते है। लोगो का कहना है कि जब चिकित्सक उपचार करने से मनाही कर देते है तो सिद्ध बाबा ऐसे मरीजों की मदद करते है। राखपंचमपुर मेला लगने के दौरान यहां आसपास से निकली रेलपटरियों पर प्रत्येक ट्रेन को रोका जाता है।
मान्यता है कि एक बार रंगपंचमी के दिन एक ट्रेन दोपहर के समय यहां से गुजर रही थी, जैसे ही सिद्ध बाबा मन्दिर के सामने ट्रेन का इन्जन आया और वह बन्द हो गया, जिससे ट्रेन खड़ी रही ट्रेन की जांच करने के लिये झांसी से इंजीनियर को बुलवाया गया इसके बावजूद भी इन्जन ठीक नहीं हुआ, तब किसी राहगीर ने बताया कि आज रंग पंचमी है और पास में ही सिद्ध बाबा मंदिर पर सिद्ध बाबा का मेला लगा हुआ है, अगर आप सिद्ध बाबा मंदिर पर सिद्ध बाबा के दर्शन करने जायेगे तो शायद यह ठीक हो जाये और हुआ भी ऐसा ही जब ट्रेन का ड्राइवर सिद्ध बाबा मंदिर पर आया और सिद्ध बाबा के दर्शन किये फिर जाकर ट्रेन का इन्जन स्टार्ट किया, तो वह चालू हो गया तब से परम्परा चली आ रही है कि रंगपंचमी के दिन यहां प्रत्येक ट्रेन को रोका जाता है। सिद्ध बाबा के दर्शन करने के लिये वैसे तो साल भर श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है लेकिन रंगपंचमी के दिन सिद्ध बाबा मंदिर पर लाखों श्रद्धालुओं का इतना सैलाव उमड़ता है कि व्यवस्थायें भी कम पड़ जाती है ललितपुर शहर से राखपंचमपुर सिद्ध बाबा मन्दिर लगभग अठारह किलोमीटर दूरी पर है।
मुख्य पुजारी श्री सिद्ध बाबा मन्दिर ग्राम राखपंचमपुर
मुख्य पुजारी ने बताया कि छै पीडिय़ों लगभग तीन सौ बाबन वर्ष से यहां मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला सिद्ध बाबा के चमत्कारों के लिये जाना जाता है। लोगों में मान्यता है कि यहां पर कोई भी रोगी फोड़ा, फुन्सी,कैन्सर बड़ी से बड़ी बीमारी व ऐसे रोग जो असाध्य हो गये है। उपचार लेने के बाद रोगी ठीक नहीं हो रहे है। ऐसे रोगी सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) लगाने से ठीक हो जाते है। लगभग चालीस साल से सिद्ध बाबा की सेवा में लगे हुये है। मन्दिर पर आने वाले श्रद्धालु अपनी समस्या बताते है तो हम उन्हें नीम के झोरे से झाड़कर उनके शरीर पर पवित्र भभूति (राख) का लेपन कर देते है, जिससे श्रद्धालुओं को आराम मिल जाता है। फिर श्रद्धालु रंगपंचमी के दिन सिद्ध बाबा मन्दिर पर आकर सीदा, प्रसाद चढ़ाते है।
ग्राम प्रधान राखपंचमपुर
ग्राम प्रधान ने बताया कि रंगपंचमी के दिन श्री श्री 1008 श्री सिद्ध बाबा मन्दिर पर सिद्ध बाबा के दर्शन करने, सीदा चढ़ाने और कथा कराने के लिये उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश से श्रद्धालुओं का इतना सैलाब उमड़ता है कि मन्दिर पर चारों तरफ भीड़ ही भीड़ नजर आती है। सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति (राख) फोड़ा फुन्सी पर लगाने से ठीक हो जाती है एवं चर्म रोग से भी छुटकारा मिलता है। श्रद्धालु सिद्ध बाबा मंदिर में अपनी हाजिरी लगाने के लिये अपने आप खिचे चले आते है, जो भी श्रद्धालु सिद्ध बाबा मंदिर में अपनी मनोकामना लेकर आते है तो सिद्ध बाबा उन सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करते है। यह राखपंचमपुर मेला 29 मार्च से शुरू होकर 2 अप्रैल तक चलेगा।
देवेन्द्र कुमार राय
देवेन्द्र कुमार राय ने बताया कि ग्राम राखपंचमपुर में श्री सिद्ध बाबा के दर्शन करने के लिये वैसे तो साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लेकिन रंगपंचमी के दिन उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश से श्री सिद्ध बाबा मन्दिर पर लाखो श्रद्धालुओं का इतना सैलाब उमड़ता है कि हर कोई सिद्ध बाबा की चमत्कारी मडिय़ा के दर्शन करने व सीदा चढ़ाने के लिये लालायित रहता है और यह मेला सिद्ध बाबा के चमत्कारों के लिये भी जाना जाता है। श्रद्धालु इस राखपंचमपुर मेले का साल भर से इन्तजार करते रहते है। ललितपुर शहर से राखपंचमपुर सिद्ध बाबा मन्दिर लगभग अठारह किलोमीटर दूरी पर है।
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