अवधनामा संवाददाता
मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन संबंधित विभाग में देखकर बुलंद की आवाज
अपनी नवसुत्री मांगों को लेकर नगर पालिका गांधी प्रतिमा परिसर में किया धरना प्रदर्शन
सोनभद्र/ब्यूरो। परिषदीय अनुदेशक कल्याण संगठन बैनर तले रविवार को कलेक्ट्रेट परिसर के गांधी प्रतिमा परिसर में इकदिवासी धरना प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री संबोधित अपनी नवसुत्री मांग पत्र संबंधित विभाग को सौप कर कर्मचारियों ने बुलंद की आवाज-वही संगठन अध्यक्ष व प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 27555 अनुदेशकों की मौलिक समस्याओं एवं महिला अनुदेशकों की मानवीय एवं मूलभूत समस्याओं के बिंदुओं को लेकर इकदिवासी धरना प्रदर्शन कार्यक्रम किया गया हैं ।
वही श्री सिंह ने बताया कि निम्नलिखित बिन्दुओं के आलोक में संज्ञानित होने की कृपा करें।
1. यह कि शिक्षा अधिकार अधिनियम से नियुक्त अनुदेशक पिछले दस वर्षों से पुर्ण कालिक कार्य करते हुए नौनिहालों का भविष्य संवार रहे हैं अधिसंख्य अनुदेशकों की उम्र सीमा 40 वर्ष पार कर चुकी है। अतः नवीन शिक्षा नीति के अनुसार हम अनुदेशकों को नियमित किया जाए।
2. यह कि सरकार द्वारा हम अनुदेशकों के विरुद्ध अदालतों में चलाई जा रही समस्त कार्यवाही अविलंब वापस लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय डबल बेंच में पारित निर्णय एवं दिशानिर्देशों को तत्काल प्रभाव से निष्पादित किया जाए।
3. 4. महिला अनुदेशकों का अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। बाल्यदेखरेख अवकाश (CCL) में महिला अनुदेशकों के साथ मानवीय भेदभाव समाप्त कर उपरोक्त अवकाश से महिला अनुदेशकों को भी आच्छादित किया जाए।
5. यह कि अत्यंत अल्प मानदेय से रुग्ण हो चुके हम अनुदेशकों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए।
6. यह कि हम अनुदेशकों के भविष्य एवं आकस्मिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा (EPF) की गारंटी दिया जाए।
7. यह कि 100 छात्र संख्या की तलवार का प्रयोग शिक्षकों द्वारा अनुदेशकों के सम्बन्ध में जानबूझकर किया जा रहा। ऐसे में शोषण से बचाव के राहत कारी उपाय किये जाएं। मात्र अनुदेशकों को जिम्मेदार मानकर एकतरफा कार्यवाही नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध है।
8. यह कि हम अनुदेशकों को 10 सयोगी अवकाश (CL) के अलावा कोई छुट्टी नहीं है। अतः हम अनुदेशकों को भी मेडिकल अवकाश प्रदान किया जाए।
9. यह कि अत्यंत अल्प मानदेय एवं संकीर्ण सामाजिक स्थिति के कारण हम अनुदेशक मानवीय गरिमा के अनुकूल सामान्य जीवनचर्या से तालमेल नहीं बना पा रहे। परिणामस्वरूप कार्यस्थलों पर शोषण एवं असहजता से अवसाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती है।
वही आप हम अनुदेशकों के अभिभावक हैं। कृपया उपरोक्त तथ्यों के आलोक में अविलंब उचित और आवश्यक कार्यवाही किए जाने की महती कृपा करें। शीघ्र ही कार्यवाही न किए जाने पर उत्तर प्रदेश के समस्त अनुदेशक उपरोक्त शोषण, एवं अत्याचार के विरुद्ध प्रदेश: व्यापी आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगा।
इस मौके पर शैलेंद्र, सुसील,प्रदीप,अमित कुमार त्रिपाठी , गायत्री, मंजू ,सावित्री,बच्चे लाल ,अभय,चंदा अनुपमा,राजकुमार, रामलाल ,हरिशंकर, अमित कुमार, किरण कुमारी , शिमला ,अर्चना पांडेय, अल्पम पांडेय सहित आदी लोग मौजूद रहे।