एडीएम (वि0/रा0) के छापे से खुली निजी अस्पताल की पोल, इलाज के नाम पर मची है लूट

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अवधानामा संवाददाता

कटघरे में स्वास्थ विभाग और सीएमओ कार्यालय में तैनात जिम्मेदार

गोरखपुर। मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में दूरदराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों की खरीद-फरोख्त के धंधे का नया अध्याय सामने आया। अपने पेशे से न्याय न करने वाले कुछ मुट्ठीभर लालची डॉक्टरों की वजह से धरती का भगवान आज फिर सवालों के घेरे में हैं।
कैसे शहर में कुकुरमुत्तों की तरह फैले नर्सिंग होम दूरदराज से आने वाले मरीजों को पहले अपने जाल में फांसते हैं और फिर शिफा देने के नाम पर यह मरीजों की गाढ़ी कमाई जोंक बनकर खून की तरह चूस लेते हैं।
बृहस्पतिवार को इसी तरह की एक शिकायत पर एडीएम (वि0/रा0) राजेश कुमार सिंह ने रुस्तमपुर, पैडलेगंज स्थित न्यू लोटस हॉस्पिटल का रुख किया तो वहां का नजारा देख कर वो खुद हैरान हो गए । यहां जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले दूर के मरीजों को बहला-फुसलाकर सस्ते और अच्छे इलाज के नाम पर भर्ती कराया गया और उनसे जमकर वसूली की जा रही थी ।
मौके पर शिकायतकर्ता कुशीनगर जनपद के निवासी बाबूलाल कुशवाहा ने एडीएम राजेश कुमार सिंह को बताया कि अपनी माता को लेकर 9 मार्च को वो इलाज कराने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में आए थे मेडिकल कॉलेज में ही उन्हें न्यू लोटस हॉस्पिटल के बिचौलिए ने अपनी बातों में फंसा लिया और वह अपने मरीज को लेकर न्यू लोटस हॉस्पिटल रुस्तमपुर, पैडलेगंज चले आए । यहां भर्ती के लिए पहले उसे ₹28000 जमा कराया गया लेकिन सिर्फ 5500 की रसीद दी गई , इसके अलावा विभिन्न जांचों के नाम पर उनसे लगभग ₹10000 अतिरिक्त वसूले गए । हॉस्पिटल वाले इतने पर ही नहीं रुके बल्कि आक्सीजन और वेंटीलेटर के नाम पर अस्पताल द्वारा ₹65000 की मांग किया गया और कहा कि पैसा जमा कराने के बाद ही इलाज शुरू हो पाएगा ।
इसके बाद परेशान बाबूलाल ने मोबाइल पर इस लूट की शिकायत एडीएम राजेश कुमार सिंह से किया तो उन्होंने त्वरित कार्यवाही करते हुए रात 9 बजे के आसपास अस्पताल पर छापा मारा जहां से यह कहानी सामने आयी।
इस दौरान एडीएम राजेश कुमार सिंह ने वहां भर्ती तमाम मरीजों से पूछताछ करने के बाद सीएमओ गोरखपुर को न्यू लोटस हॉस्पिटल पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
बहरहाल सीएम सिटी में प्राइवेट अस्पतालों की यह लूट सम्बंधित विभाग खासकर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा करने के लिए पर्याप्त है।

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