फिर भी विदेश में जाकर कहते हैं कि संसद में बोलने नहीं दिया जाता, माफी मांगें
नई दिल्ली। विपक्ष ने सत्र के दूसरे दिन भी अडाणी मामले पर जेपीसी की मांग को लेकर हंगामा किया। इसके बाद दोनों सदनों को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर जेपीसी की मांग को लेकर संसद के दोनों सदनों में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी विपक्ष ने हंगामा किया। इसके बाद लोकसभा-राज्यसभा को पहले दोपहर दो बजे तक फिर उसके बाद बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले सोमवार को भी इसी मामले पर सदन हंगामे की भेंट चढ़ गया था।
इधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को राहुल गांधी पर निशाना साधा। ठाकुर ने कहा- लोकसभा में कांग्रेस सांसद की उपस्थिति सांसदों की औसत उपस्थिति से भी कम है और वे विदेशों में जाकर कहते हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया जाता। ये देश का अपमान है। उन्हें संसद में आकर माफी मांगनी चाहिए।
ठाकुर ने मीडिया ने बातचीत में कहा, आज भारत एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है और जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। ये सभी चीजें भारत की प्रगति को दर्शाती हैं, लेकिन दूसरी ओर राहुल गांधी भारत को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
अधीर रंजन चौधरी बोले- राहुल नहीं, सरकार माफी मांगे
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार संसद नहीं चलाना चाहती। क्या कभी ऐसा देखा गया है कि सत्ताधारी दल के सभी सदस्य संसद को रोकने के लिए हंगामा करते हों? राहुल गांधी को माफी क्यों मांगनी चाहिए? इसके बजाय, उन्हें (केंद्र को) माफी मांगनी चाहिए।
शशि थरूर बोले- विदेश में इस तरह के बयान की शुरुआत भाजपा ने की
वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी राहुल का बचाव किया। थरूर ने कहा- राहुल ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में ऐसा कुछ नहीं कहा जिसके लिए माफी की जरूरत हो। उन्होंने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। प्रधानमंत्री ने विदेशों में राहुल से कहीं ज्यादा बढ़कर बयान दिए हैं। विदेशों में इस तरह की चर्चाओं की शुरुआत भाजपा ने की है, कांग्रेस ने नहीं।
लंदन में राहुल के दिए बयान पर संसद में हंगामा, भाजपा बोली- माफी मांगें
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। संसद के दोनों सदनों में राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान को लेकर भाजपा ने माफी की मांग की। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा- सरकार अडाणी मुद्दे पर जांच से भाग रही। हमारी बात नहीं सुनी जाती। हम विक्रम बेताल की तरह पीछा नहीं छोड़ेगे।
विपक्ष के नेता अडाणी मुद्दे पर वेल में आ गए और जेपीसी की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। दो बजे बाद भी हंगामा जारी रहा। इस पर दोनों सदनों की कार्रवाई मंगलवार तक स्थगित कर दी गई।
खडग़े ने कहा- सरकार अडाणी मुद्दे पर जांच से भाग रही
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि सरकार अडाणी मुद्दे पर जांच से भाग रही है। हमारी बात नहीं सुनी जाती लेकिन हम विक्रम बेताल की तरह पीछा नहीं छोड़ेगे। विपक्ष के नेता अडानी मुद्दे पर वेल में आ गए और जेपीसी की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों को मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
राहुल ने कैम्ब्रिज में कहा था कि भारत की संसद में माइक बंद कर दिए जाते हैं
इस महीने की शुरुआत में राहुल गांधी लंदन दौरे पर थे। यहां उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कहा था कि भारत की संसद में माइक बंद कर दिए जाते हैं। विपक्ष अपनी आवाज नहीं रख सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का कोई नेता किसी भी यूनिवर्सिटी में बोल नहीं सकता है। भारत में लोकतंत्र पर सीधा प्रहार हो रहा है।
सत्र से पहले 16 विपक्षी दलों की कांग्रेस अध्यक्ष के घर बैठक हुई
बजट सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई। सोनिया गांधी भी इस बैठक में नजर आईं, वहीं बैठक में 16 दल शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन किया
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर कांग्रेस देश के अलग-अलग राज्यों में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। मध्यप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा समेत तमाम राज्यों की राज्य कांग्रेस कमेटियों ने राजभवन का घेराव किया।
लोकसभा में 9, राज्य सभा में 26 बिल पेश होने हैं
लोकसभा-राज्यसभा से मिले बुलेटिन के मुताबिक, संसद के इस सत्र में कुल 35 बिल पेंडिंग हैं। इनमें लोकसभा में 9 और राज्य सभा में 26 बिल पेश होने हैं। हालांकि, सत्र के पहले चरण में विधेयकों पर चर्चा और पारित किए जाने की संभावना कम है। वहीं, कई महत्वपूर्ण बिल भी पेश किए जा सकते हैं।