राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि वे धमकियों से नहीं डरते। उन्होंने चुनाव आयुक्तों को कानूनी सुरक्षा देने वाले 2023 के कानून पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि यह कदम भाजपा की मदद करने वाले आयुक्तों को बचाने के लिए उठाया गया। राहुल ने वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने पर भी सवाल उठाए।
औरंगाबाद। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी के उनके दावों को लेकर उनसे शपथ पत्र की ताजा मांग को लेकर चुनाव आयोग पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि वह किसी तरह की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने चुनाव आयुक्तों को कानूनी कार्रवाई के कवच से बचाने के लिए 2023 में लाए गए कानून पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि भाजपा की मदद कर रहे चुनाव आयुक्तों को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया।
राहुल क करारा जवाब
बिहार में एसआईआर के खिलाफ रविवार से शुरू अपनी वोटर अधिकार यात्रा के पहले दिन के आखिरी पड़ाव औरंगाबाद शहर में एक सभा के दौरान राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त के प्रेस कांफ्रेंस में की गई कुछ टिप्पणियों का करारा जवाब दिया।
सीसीटीवी फुटेज देने से आयोग के इनकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि सीसीटीवी का कानून बनाया तो फिर पूछना चाहता हूं कि सरकार ने इसे बदला क्यों? इसके बाद चुनाव आयुक्तों पर मुकदमा नहीं किए जाने का मसला उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट ही नहीं देश की किसी भी अदालत में इनके खिलाफ केस नहीं किया जा सकता।
राहुल गांधी ने कहा कि यह कानून 2023 में बनाया गया क्योंकि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह नहीं चाहते कि चुनाव आयोग के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाए। ऐसा इसलिए कि चुनाव आयुक्त उनकी मदद कर रहा है और उनके साथ वोट चोरी कर रहा है।
राहुल और तेजस्वी का दिखा अलग अंदाज
बिहार में पुनरीक्षण के दौरान लाखों की संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे जाने की त्रुटि सुधारने की बजाय चुनाव आयोग के इनकार और धमकाने के अंदाज पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वे और तेजस्वी यादव जनता के साथ मिलकर उसे दिखा देंगे कि बिहार के लोग क्या चाहते हैं।
नेता विपक्ष ने यह भी कहा कि मोदी-शाह ही नहीं चुनाव आयोग भी समझ ले न राहुल गांधी उनसे डरता है और न ही तेजस्वी यादव। वोट चोरी की सच्चाई हिन्दुस्तान के हर नागरिकों के आंखों के सामने लाकर रखेंगे।
राहल का दावा
साथ ही यह दावा भी किया कि चंद उद्योगपतियों की मदद वोटर लिस्ट से नाम काटने के पीछे का मकसद है क्योंकि गरीबों से संसाधन पहले ही छीने जा चुके हैं अब उनके हाथ में बची आखिरी चीज वोट का उनका अधिकार खुलेआम छीना जा रहा है और चुनाव आयोग इसमें शामिल है।


 
                                    


