राहुल गांधी ने अमित शाह को बताया था ‘हत्या का आरोपी’, अदालत ने दी जमानत

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अहमदाबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ‘‘हत्या का आरोपी’’ कहने के कारण यहां की एक अदालत में अपने खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अदालत में खुद को ‘बेकसूर’ बताया. अदालत ने बाद में उन्हें इस मामले में जमानत दे दी.

मानहानि के एक अन्य मामले में राहुल गांधी यहां की दूसरी अदालत में भी पेश हुए, जो कि नोटबंदी के बाद नोटों की अदला-बदली में अहमदाबाद जिला सहकारी (एडीसी) बैंक की संलिप्तता के उनके दावे से संबंधित है. शाह बैंक के निदेशकों में से एक हैं.

शाह को हत्या का आरोपी कहने के कारण राहुल के खिलाफ भाजपा पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट द्वारा दायर अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर बी इटालिया ने कांग्रेस नेता को 10,000 रुपये की जमानत राशि पर जमानत दे दी.

राहुल ने मामले में खुद को ‘बेकसूर’ बताया. राहुल गांधी के वकील ने अदालत से कांग्रेस नेता को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने का अनुरोध किया. इस पर अदालत ने कहा कि वह मामले में सात दिसंबर को सुनवाई करेगी. लोकसभा चुनाव से पहले जबलपुर में एक चुनावी रैली में राहुल ने कहा था, ‘‘हत्या के आरोपी भाजपा प्रमुख अमित शाह. वाह क्या शान है.’’ शिकायतकर्ता ने अपने मानहानि मुकदमे में कहा कि 2015 में सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में शाह को बरी कर दिया गया था, लेकिन राहुल ने शाह पर मिथ्या आरोप लगाये.

एडीसी बैंक मानहानि मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एन बी मुंशी की अदालत में राहुल गांधी के पेश होने के बाद उनके वकील ने इस मामले में भी उनकी व्यक्तिगत पेशी से छूट देने का अनुरोध किया जिस पर अदालत ने मामले में सात दिसंबर को सुनवाई की बात कही. राहुल, बैंक एवं इसके अध्यक्ष अजय पटेल की ओर से दायर इस मामले में अदालत में जुलाई में पेश हो चुके हैं, जिसमें उन्होंने खुद को बेकसूर बताया था.

यह मामला राहुल के उस आरोप से संबंधित है जिसमें उन्होंने बैंक पर 2016 में नोटबंदी के दौरान पांच दिन के अंदर 750 करोड़ रुपये की अमान्य मुद्रा को वैध मुद्रा से बदलने के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था. वायनाड से सांसद राहुल गांधी मानहानि के एक और मामले में बृहस्पतिवार को सूरत की अदालत में पेश हुए थे और वहां भी उन्होंने खुद को बेकसूर बताया था. यह मामला लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिये गये उनके बयान से संबंधित था जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘आखिर सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?’’ इस मामले में भी उन्होंने खुद को बेकसूर बताया.

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