होरी खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा….

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अवधनामा संवाददाता

मालिनी अवस्थी की अवधी लोकगीतों पर झूम उठे श्रोता

मिश्रिख/सीतापुर। होरी खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा, कहे तोसे सजना ए तोहरी सजनिया पग पग लिए जाऊं तोहरी बलइयां आदि अवधी लोकगीतों की रसधार में हजारों श्रोता वाह वाह कर उठे। रामायण कान्क्लेव के पहली रात्रि को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लखनऊ की मशहूर लोकगीत गायिका वंदना मिश्रा ने अपने गीतों से शमां बांधा। वहीं पद्मश्री मालनी अवस्थी द्वारा कार्यक्रम के शुरुआत माता सरस्वती वंदना व माता ललिता मां को समर्पित गीत प्रस्तुत किया। जिसके बाद अपने गीतों के माध्यम से रामायण मे प्रभू श्रीराम के जीवन की कहानी प्रस्तुत की जिसमें, श्री राम जी से पूंछे जनकपुर की सखिया बता दे बबुवा लोगवा देय काहे गारी लोकगीत से श्रोता मंत्र मुग्ध हो उठे। वहीं आय बसो सबरी घर रामा जैसे लोकगीत के माध्यम से कार्यक्रम राममय हो गया। मोरी नइया है राम सहाय की नदिया धीरे बहो, कजरी अरे रामा सोने के हार वार सीया मागी ही नाही,सिया को खोज चले वीर हनुमान आदि भजनो से रामायण कान्क्लेव में अपने गीतो से समा बांध दिया।

दूसरे दिन हुए विभिन्न आयोजन
सीतापुर। चल रहे रामायण कान्क्लेव के दूसरे.दिन भी आयोजकों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उसी क्रम में दिन के सत्र मे युवा कवियो का कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कमलेश मौर्य मृदु वरिष्ठ कवि के निर्देशन मे आयोजित युवा कवि सम्मेलन(काव्यगोष्टी) का आयोजन किया गया। युवा कवियों का स्वागत एसडीएम अनिल कुमार क्षेत्राधिकारी सुशील यादव ने अंग वस्त्र भेंट कर के किया। जिसमे युवाकवि रूपी लड़के लड़कियों ने अपनी कविताओं से दर्शकों का मन मोह लिया। पाकिस्तानी हम तुम्हे नही कश्मीर गज भर देंगे, भारत कब तक सहता जाएगा, हे कालिका ये चंडिका, आदि युवा कवियित्रियों ने देशभक्ति के गीत गायन कर दर्शकों में जोश भर दिया। युवा कवियित्री सुश्री अनामिका वर्मा सीतापुर द्वारा श्रृंगार रस की कविताओं को प्रस्तुत कर युवाओ की धड़कने बढ़ा दिया, दर्शको की तालिया रुकने का नाम ही नही ले रही। आग दिल की बुझाई नही जा सकी, हम गणित के सूत्र भूले मगर एक लड़की भुलाई नही जा सकी, सारी दुनिया के आंखों के तारे है हम आपके दिल के सितारे है हम। ये है बुरा समय समय का फेर नही है। पूरी धरा भी साथ दे तो और बात है तू अगर साथ दे तो और बात है एक पांव से चले रहे हैं लोग तू जरा साथ दे तो और बात है। पत्नी से हरदम लड़े दागे नए सवाल देवर भाभी रंग गए उड़ा कर गुलाल जोगीरा सारारारा। आदि कविताएं प्रस्तुत की। जिसके बाद स्कूली बच्चो के द्वारा मानस पाठ व रूप सज्जा के कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोह लिया।

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