सार्वजनिक ऋण प्रबंधन पर त्रैमासिक रिपोर्ट – जुलाई से सितंबर 2020
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग के बजट प्रभाग के अंतर्गत सार्वजनिक ऋण प्रबंधन प्रकोष्ठ (पीडीएमसी) (पूर्व में मध्य कार्यालय) अप्रैल- जून 2010-11 (पहली तिमाही) के बाद नियमित रूप से ऋण प्रबंधन पर तिमाही रिपोर्ट जारी करता रहा है। वर्तमान रिपोर्ट जुलाई से सितंबर 2020 तिमाही (वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही) से संबंधित है।
वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही के दौरान केंद्र सरकार ने कुल 4,20,000 करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियों को जारी किया जबकि वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 1,72,160 करोड़ रुपये का रहा था। प्राथमिक निर्गम की भारित औसत प्राप्तियों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में यह घटकर 5.80 प्रतिशत रह गई जो वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 5.85 प्रतिशत रही थी। दिनांकित प्रतिभूतियों के नए निर्गम की भारित औसत परिपक्वता अवधि वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में 14.92 वर्ष थी जो वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 14.61 वर्ष के मुकाबले कम थी। केंद्र सरकार ने जुलाई से सितंबर 2020 के दौरान किसी भी तरह के कैश मैनेजमेंट बिल जारी करने के माध्यम से कोई राशि नहीं जुटाई। रिजर्व बैंक ने सितंबर 2020 में समाप्त तिमाही के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री को शामिल करते हुए पांच विशेष ओएमओ का आयोजन किया। तिमाही के दौरान आरबीआई द्वारा सीमांत स्थायी सुविधा और विशेष नकदी प्रवाह सुविधा सहित नकदी प्रवाह समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत शुद्ध औसत नकदी प्रवाह अवशोषण 3,49,954 करोड़ रुपये रहा।
सरकार की कुल देनदादारी (सार्वजनिक खाते की देनदारियों सहित) सितंबर 2020 के अंत में बढ़कर 107,04,294 करोड़ रुपये हो गई जो जून 2020 के अंत में 101,35,600 करोड़ रुपये रही थी। सितंबर 2020 के अंत में कुल बकाया देनदारी में सार्वजनिक ऋण की हिस्सेदारी 91.1 प्रतिशत थी। लगभग 29.1 प्रतिशत बकाया दिनांकित प्रतिभूतियों की शेष परिपक्वता अवधि 5 वर्ष से कम थी। स्वामित्व पैटर्न दर्शाता है कि जून 2020 के अंत में वाणिज्यिक