अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज। हजरत नूर मोहम्मद शाह बाबा के 51वें उर्स में दूसरे दिन गुरूवार की रात में लखनउ से आई सोनम वारसी और रामपुर उत्तर प्रदेश से शिरकत करने वाले गुलाम चिस्ती ने देर रात से अलसुबह तक चले जवाबी कौव्वाली से समा बांध दिया। हजारों की संख्या में जुटे जायरीनों ने जुमे की अलसुबह तक कौव्वाली का आनन्द लिया। बुधवार की रात में शेर-ओ शायरी की महफिल में भी शायरों ने जमकर महफिल लूटी थी जिनमें-मां से बढ कर कोई नाम क्या होगा और इस नाम से हमको एहतराम क्या होगा, जिसके पैरों के नीचे जन्नत होती है। हुजूर आ गए है, जिंदगी मिल गई है, अंधेरों को भी रोशनी मिल गई है। मध्यप्रदेश से आए शायर इमरान रजा ने एक से बढ़कर एक शेरो शायरी पेश कर उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया। हजरत नूर मोहम्मद शाह बाबा का 51वां उर्स बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। बुधवार की रात चिरागदान के मौके पर जश्ने ईदे मिलादुन्नबी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान हजरत नूर मोहम्मद शाह बाबा की मजार पर रात भर शेरो शायरी का दौर चला।
कार्यक्रम में इस्लामिया नवयुवक उर्स कमेटी के खजांची मोहम्मद अली ने बताया कि कमेटी के इंतजामात कर्ता शमशेर अली, गुलजार अहमद, इस्लाम अली, इलियास अहमद, मुमताज अहमद कुरैशी, रियाज अहमद, इम्तियाज अली, अशफाक अली, आफताब अली सहित कई रहे।