अवधनामा संवाददाता
शासन के आदेशों की उड़ायी जा रहीं धज्जियां
ललितपुर। मुख्यमंत्री के आदेश की ललितपुर के विद्युत विभाग द्वारा उड़ाई जा रही है। धज्जियां जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आदेश है कि जहां भी कोई ट्रांसफार्मर जल जाए एवं क्षतिग्रस्त हो जाए तो बिजली विभाग के आला अधिकारियों द्वारा 24 घंटे में छतिग्रस्त ट्रांसफार्मर हटाकर नया ट्रांसफार्मर लगाए जाने का विशेष आदेश है इसके बावजूद भी विद्युत विभाग उनके आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। शहर के फीडर नम्बर 3 पर आए दिन होने बाले फाल्ट एवं ट्रांसफार्मर आदि जलने के कारण एवं फीडर पर अधिक लोड होने के कारण नगर की विद्युत व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। जिसका ताजा उदाहरण शनिवार की रात 9 बजे बिहारी राशन कार्ड के पास एक ट्रांसफार्मर ब्लॉसट गया हो गया था जिसकी जानकारी वहां पर निवास कर रहे लोगों ने जब विद्युत विभाग के पावर हाउस के सियूजी नंबर पर उक्त ट्रांसफार्मर खराब होने पर इसकी जानकारी देने के लिए फोन लगाया तो उक्त नंबर व्यस्त होने के कारण उपभोक्ता रात भर बिभाग को फोन घंघानाते रहे लेकिन उक्त नंबर पर उपभोक्ताओं की बात नहीं हो सकी, तब जाकर उपभोक्ताओं ने विद्युत विभाग के अवर अभियंता एवं उपखंड अधिकारी प्रथम को फोन लगाकर बिहारी राशन कार्ड के पास लगे ट्रांसफार्मर की खराब होने की जानकारी देना चाहा तो उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया जिस कारण आज बुधवार के दिन भी उपभोक्ताओं को बिना बिजली के रहना पड़ा इसी तरह हबा एवं पानी गिरने के कारण बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है विभाग द्वारा मेंटेनेंस कार्य कराने के पश्चात भी बिजली सप्लाई सुचारू नही चल पाती है। नगर में आये दिन कभी फाल्ट के नाम पर सुबह से ही अघोषित बिजली कटौती कर दी जा रही है, कारण जानने लोग जब विद्युत विभाग के आला अधिकारियों के कार्यालय में फोन लगाते हैं तब कोई भी आला अधिकारियों द्वारा उपभोक्ताओं के फोन को रिसीव नहीं किया जाता हैं और उपभोक्ताओं द्वारा आला अधिकारियों के व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज करने पर ना ही उनको कुछ भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है जो कि एक चिंता का विषय है। नगर की विद्युत व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिससे नागरिकों में आक्रोश बढ़ रहा है। वर्तमान में कई संगठनों द्वारा बिजली समस्या को लेकर विभाग के आला अधिकारियों को बिजली कटौती की समस्या से भी अवगत कराया गया और बिजली कटौती बंद कराने की मांग की गई लेकिन बावजूद भी बिजली कटौती की जा रही है।
फाल्ट के नाम पर काटी जा रही घण्टों बिजली
हल्की बारिश होने के पश्चात बारिश खुल जाने के कारण गर्मी में उमस भी बढ़ गई है। वहीं कुछ दिनों से तेज धूप से लोगों के पसीने छूट रहे हैं, लेकिन बिजली साथ नहीं दे रही है। घंटों बिजली गुल रहने से कई घरों में इनवर्टर जवाब दे गए। विभागीय अधिकारी कर्मचारी इतने लापरवाह हैं कि उन्हें जनता की तकलीफों से सरोकार नहीं है। इधर सुबह के समय सारे दिन भर बिजली की लूपा छुपी का खेल चलता रहता हैं लेकिन जब बिजली सप्लाई सुचारू होती है तो ओवरलोड होने के कारण बिजली बार-बार बंद होती रहती है जिससे समस्त उपभोक्ताओं के उपकरण आदि खराब होने का डर बना रहता है बारिश होने की संभावना दिखती है, हवा चलती हैं तो बिजली बंद कर दी जाती है। यह समस्या कई दिनों से बनी हुई है। पिछले कुछ हफ्तों से दिन बा रात मै बिजली कटौती की समस्या गंभीर हो गई है। पिछले कुछ दिनों से दिनभर बिजली की लुकाछिपी जारी रहती है । अघोषित बिजली कटौती से आम नागरिक एवं छोटे बच्चों बा बुजुर्गों का हाल बेहाल है। प्रदेश में मांग से ज्यादा बिजली उत्पादन के बावजूद गर्मी आते ही अघोषित कटौती का सिलसिला शुरू हो गया है। शहर के कई हिस्सों में फाल्ट एवं ट्रांसफार्मर जलने एवं विद्युत पोल टूटने एवं केबल बस्ट आदि के कारण बिजली गुल हो रही है। हालांकि बिजली विभाग द्वारा ना तो कटौती का कोई भी शेड्यूल जारी किया है, ना ही शासन द्वारा बिजली कटौती का कोई भी शेड्यूल जारी किया गया है । बीते कुछ दिनों से सुबह दोपहर शाम एवं रात में भी करीब कई बार बिजली काटी जा रही है।
मेंटेनेंस में कमी या विभागीय लापरवाही
सूत्रों के मुताबिक गत दिनों कर्मचारियों ने मेंटेनेंस किया था। इस दौरान पेड़ की टहनियां काटी गई थीं वहीं झूलते तार को सही किया गया था। मेंटेनेंस के बाद भी बिजली किन कारणों से काटी जाती है यह विभागीय अधिकारी नहीं बताते हैं। यह उनकी लापरवाही हैं या फिर बह जानता को सही एवं सुचारु रुप से बिजली उपलब्ध कराने में काफी लापरवाह है।
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