राज्य के प्रमुख मंदिरों में कपड़े की थैली के लिए लगीं विशेष मशीनें

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गुजरात को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में और लोगों में प्लास्टिक के उपयोग के विरुद्ध जागरुकता लाने के लिए गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके अंतर्गत राज्य के महत्वपूर्ण मंदिर परिसरों में विशेष एटीएम लगाई गई हैं। इन मशीनों से कपड़े की थैली प्राप्त की जा सकती है। इसके अतिरिक्त राज्य के सात मुख्य एसटी बस स्टैंडों तथा एक रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक बोतल की रिवर्स वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं। इनकी मदद से दो माह में 9500 से अधिक बोतलों की रिसाइकिलिंग की गई है।

हाल में राज्य के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलोंं; जैसे कि अंबाजी, सोमनाथ, द्वारका, शालाजी, सालंगपुर तथा इस्कॉन मंदिर परिसरों में 14 मशीनें लगाई गई हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अब कपड़े की थैली में ही प्रसाद मिलता है। इस मशीन में पांच रुपये का सिक्का डाल कर या तो क्यूआर कोड स्कैन कर थैली प्राप्त की जा सकती है। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की ओर से इस पहल को अच्छा समर्थन मिल रहा है और 60 दिनों में 5 हजार से अधिक थैलियों का वितरण किया गया है। इस पहल को और आगे ले जाने के लिए आगामी एक माह में अमूल पार्लर के 250 आउटलेट पर इस प्रकार की मशीनें स्थापित की जाएंगी।

जीपीसीबी के अध्यक्ष आरबी बारड ने गुरुवार को कहा कि राज्य में प्लास्टिक की थैली के उपयोग को रोकने तथा कपडे़ की थैली के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से खरीदारी स्थल पर ही एटीएम लगाई गई हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभ ले सकें। इसी प्रकार राज्य के अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, भावनगर, भरूच सहित सात एसटी स्टैंडों तथा सूरत के उधना रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक बोतल की रिवर्स वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं। इसकी मदद से स्थल पर ही प्लास्टिक की बोतल को क्रश कर उसकी रिसाइक्लिंग की होती है। पांच जून, 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस पर ये मशीनें शुरू की गईं और अब तक 9500 से अधिक प्लास्टिक बोतलों की रिसाइक्लिंग की गई है।

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