Monday, May 19, 2025
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विरोध प्रदर्शन पीएम व ऊर्जा मंत्री का पुतला फूंका

बढ़नी  सिद्धार्थनगर। नेपाल के सीमावर्ती कस्बा कृष्णानगर नगर पालिका वार्ड नं. 3 में सोशलिस्ट फ्रंट के नेतृत्व में  ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन  आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ जोशीले नारे लगाए। यह विरोध प्रदर्शन विशेष रूप से नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के कार्यकारी निदेशक कुलमन घीसिंग की अवैध बर्खास्तगी के खिलाफ था। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री और ऊर्जा मंत्री का पुतला जलाया तथा इस निर्णय को नेपाल की प्रगति और विकास के खिलाफ एक षड्यंत्र बताया, जिससे उनके असंतोष और गहरी असहमति का स्पष्ट संकेत मिलता है।

माओवादी केंद्र लुम्बिनी प्रांत के वरिष्ठ नेता मौलाना मशहूद खान नेपाली ने इस अवसर पर जोश और दृढ़ संकल्प से भरे भाषण में कहा यह आंदोलन न केवल कुलमन घीसिंग के समर्थन में है, बल्कि नेपाल के हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा के लिए भी है। जब देश में 18 घंटे की बिजली कटौती हो रही थी, कारखाने बंद थे और व्यापार ठप्प था, तब कुलमन घीसिंग ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से नेपाल को ऊर्जा संकट से उबारा था। उन्होंने नेपाल को आत्मनिर्भर बनाया था और आज उनकी बर्खास्तगी एक अवैध और अनधिकृत कदम है। यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे नेपाली लोगों का अपमान है।”

मौलाना मशहूद खान नेपाली ने पहले कहा कि जब हम नेपाल के 58 प्रतिशत लोगों को बिजली देने की उम्मीद खो चुके थे, तब कुलमन घीसिंग ने इसे 99 प्रतिशत तक पहुंचाया। पहले हम दूसरे देशों से बिजली आयात करते थे, अब हम उन देशों को बिजली देते हैं। नेपाल के लिए उनका योगदान अमूल्य है। हम इस बर्खास्तगी को कभी स्वीकार नहीं करेंगे, और न्याय मिलने तक हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे।”

एकीकृत समाजवादी कृष्णानगर के अध्यक्ष इंतखाब अहमद खान ने कहा कि यह विरोध केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं है, बल्कि नेपाल के हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा का संकल्प है। कुलमन घीसिंग द्वारा उठाए गए कदम पूरे देश के लिए एक बेहतरीन उदाहरण हैं। हम इस फैसले के खिलाफ हैं और जब तक सरकार इस गलत फैसले को वापस नहीं ले लेती, तब तक हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

माओवादी सेंटर कृष्णनगर के अध्यक्ष जावेद आलम खान ने कहा कि नेपाल के नागरिक हमेशा अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहे हैं और आज हम उन अधिकारों की रक्षा के लिए फिर से एकजुट हैं। हम इस आंदोलन में अकेले नहीं हैं, यह आंदोलन नेपाल के उज्जवल भविष्य के लिए है। कहा कि हम सिर्फ़ सरकार के फ़ैसलों का विरोध नहीं कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि हर फ़ैसला लोगों और राष्ट्र के हित में हो। कुलमन घीसिंग ने नेपाल के ऊर्जा क्षेत्र में जो सफलता हासिल की है, वह न केवल सराहनीय है, बल्कि हर नेपाली नागरिक के लिए प्रेरणादायी भी है। उनकी बर्खास्तगी एक ऐसी गलती है जो नेपाल के नागरिकों को नुकसान पहुंचाएगी, और हम इस फ़ैसले का विरोध करने में एकजुट हैं। उक्त विरोध प्रदर्शन में माओवादी केंद्र के सदस्य तुफैल आलम खान, वाईसीएल के उपाध्यक्ष जुम्मन खान, फजल महमूद खान और कई अन्य महत्वपूर्ण नेताओं ने भाग लिया है, जिन्होंने इस संघर्ष को सफल बनाने के लिए अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। यह विरोध प्रदर्शन तो बस शुरुआत है, जिसमें लोग अपने अधिकारों के लिए एकजुट हो रहे हैं और सरकार की गलत नीतियों को चुनौती दे रहे हैं। कुलमन घीसिंग के खिलाफ लिया गया फैसला अब एक बड़ा सवाल बन गया है। आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।

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