महोबा । चरखारी में महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती पर डॉण् भीमराव अम्बेडकर पाठशाला एवं लाइब्रेरी खंदिया में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। पाठशाला के संचालक इन्द्र कुमार कुशवाहा ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया। संस्थापक महेन्द्र रैकवार डीएमआरसी के मार्गदर्शन में पाठशाला का संचालन किया।
विद्युत विभाग के एसडीओ भोला नाथ मुख्य अतिथि रहे। विशिष्ट अतिथियों में विनय कुमार खरेलाए राजू मौर्याए समाजसेवी राहुल यादवए के पूर्व प्रांत सह मंत्री अनिल कुशवाहा और सूरज रैकवार शामिल रहे।
मुख्य अतिथि भोला नाथ ने कहा कि ज्योतिराव फुले एक महान समाज सुधारक और शिक्षा क्रांतिकारी थे। उन्होंने 19वीं सदी में सामाजिक न्याय और समानता के लिए काम किया। जातिगत भेदभाव के बावजूद शिक्षा प्राप्त कर समाज में चेतना फैलाई।
ज्योतिबा फुले ने 1 जनवरी 1848 को भारत की पहली महिला पाठशाला की स्थापना की। 1873 में सत्यशोधक समाज बनाकर सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। अनिल कुशवाहा ने बताया कि ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने 18 स्कूल स्थापित किए। महिला शिक्षा को नई दिशा दी। उनकी पुस्तक श्गुलामगिरीश् आज भी सामाजिक चेतना का स्रोत है।
कार्यक्रम में मोहित घोष, अमित कुशवाहा, लोकेश रैकवार समेत बड़ी संख्या में छात्र.छात्राएं और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। सभी ने महापुरुष को