19वी रमज़ान को मस्जिद-ए-कूफा से निकाला गया गिलीम का जुलूस
आलम रिज़वी
लखनऊ। 19वी रमज़ान को मस्जिद-ए-कूफा से निकाला गया गिलीम का जुलूस।ग़मगीन माहौल में ऐतिहासिक जुलूस को अपने रिवायती अंदाज में निकाला गया। शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली अस को इराक की मस्जिद कूफा में नमाज के दौरान तलवार से हमला कर सिर पर गहरा घाव कर दिया था।
उंसके बाद 21वी रमज़ान को हज़रत अली अस की शहादत (निधन) हो गयी थी।जिसकी याद में शहर भर में रमज़ान माह में उनकी याद में जुलूस निकाला जाता है। आज 19वी रमज़ान को नमाज फज्र के बाद जुलूस को रोजा ए काजमैन से पाटा नाला स्थित मौलाना मुत्तक़ी ज़ैदी के अजाखाने ले जाया जाता है।
इस जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शिरकत कर हज़रत अली की पुरसा पेश करते है। पिछले दो सालों से कोविड के चलते यह जुलूस स्थगित था।
उंसके बाद 21वी रमज़ान को हज़रत अली अस की शहादत (निधन) हो गयी थी।जिसकी याद में शहर भर में रमज़ान माह में उनकी याद में जुलूस निकाला जाता है। आज 19वी रमज़ान को नमाज फज्र के बाद जुलूस को रोजा ए काजमैन से पाटा नाला स्थित मौलाना मुत्तक़ी ज़ैदी के अजाखाने ले जाया जाता है।
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