अम्बेडकरनगर।अय्याम-ए-अजा के क्रम में बीते बुधवार को बसखारी ब्लॉक के बेला परसा में जुलूस ए अजा़ देर शाम संपन्न हुआ। अंजुमन अब्बासी बेला परसा की देखरेख में प्रात:। जुलूस-ए-अजा के कार्यक्रम में कोपागंज मऊ, सेथल बरेली,गुलशने इस्लाम, हरदोई के अलावा विभिन्न मातमी अंजुमनें शामिल हुईं।
दिल्ली से आए आलिम-ए-दीन मौलाना सत्तार नक़वी सहारनपुर, मौलाना तुफैल अब्बास.मौलाना आमिर अब्बास बुढ़नपुर, मौलाना सैयद ज़फ़र मेहंदी नसीराबाद, मौलाना शारिब अब्बास सिझौली सहित आधा दर्जन से अधिक धार्मिक वक्ता उपस्थित थे। मौलाना सत्तर नक़वी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने इस्लाम को बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।
उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन का बलिदान, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और सत्य के मार्ग पर चलने का प्रतीक है।हजरत इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों सहित कुर्बानी देकर केवल इस्लाम ही नहीं बल्कि आलम-ए-इन्सानियत को भी बचा लिया।
दौराने जुलूस अंजुमन जाफरिया कोपागंज मऊ,अंजुमन यादगारे हुसैनी सेथल बरेली, अंजुमन मज़लूमिया गौरी खालसा हरदोई, अंजुमन गुलशने इस्लाम भौंरा समेत अंजुमन अब्बासिया बेला परसा के नौजवानों ने नौहा मातम कर कर्बला के शहीदों को नमन किया। जुलूस का संचालन हसन अब्बास ने गमगीन माहौल में करते हुए लोगों को भावुक किया।