शहर में अवैध ढंग से चल रहे निजी अस्पताल

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पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटर,आरटीआई के खुलासे से उजागर हुई स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली– 
सुल्तानपुर। स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे शहर में अपंजीकृत निजी अस्पतालों, क्लीनिक, पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटरों की दुकान चल रही है। इस श्रेणी मे कई नामचीन अस्पताल भी शामिल हैं।जो नेता और कथित समाजसेवियों के है।जहां मरीजों का दोहन स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से हो रहा है। आरटीआई के खुलासे से सामने आए तथ्यों ने  स्वास्थ्य विभाग और  निजी अस्पतालों के गठजोड उजागर किया है।
नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड सेंटर और प्राइवेट प्रैक्टिस करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में पंजीकरण करवाना होता है। जहां प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद ही कोई नर्सिंग होम आदि का संचालन कर सकता है। अल्ट्रासाउंड सेंटर को प्रत्येक 5 वर्ष में रिनिवल करना होता है, जबकि अन्य को प्रतिवर्ष रिन्यूअल करवाना होता है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय ने जो सूचना उपलब्ध कराई है। उससे शहर की स्वास्थ्य सेवाओं और सीएमओ ऑफिस के कर्मचारियों मिलीभगत पूरी तरह उजागर हो गई है। सीएमओ कार्यालय की ओर से दी गई सूचना में बताया गया है कि शहर में कुल 135 निजी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, निजी चिकित्सक और पैथोलॉजी है। इसके अलावा 32 अल्ट्रासाउंड सेंटर है। सूची में सभी पंजीकृत अस्पतालों, पैथोलॉजी निजी चिकित्सकों के नाम और पते भी दिए गए हैं। चौकाने वाली बात यह है कि इस सूची से नामचीन अस्पताल गोमती हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का नाम गायब है। उपरोक्त सभी संस्थान कथित समाजसेवियों के बताए जाते हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल के सामने कई अपंजीकृत चिकित्सा पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित हो रहे हैं।जिनमे अपेक्स पैथोलॉजी, महावीर पैथोलॉजी ,सीपीएल अल्ट्रासाउंड सेंटर, अमन अल्ट्रासाउंड,सूर्या पैथोलॉजी शामिल है। इसी तरह डॉक्टर सना फातिमा,डॉ आरके सिंह, डॉ राधा गुप्ता, डॉक्टर प्रदीप तिवारी समेत कई चिकित्सक बगैर पंजीकरण के प्रैक्टिस कर रहे हैं। शहर के बीचो-बीच ये अपनी दुकान चला रहे। इन अस्पतालों और चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग का भय नहीं है। इसके पीछे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि सीएमओ ऑफिस के कर्मचारियों के साथ इनका बड़ा गठजोडहै। नेताओं और कथित समाजसेवियों  के ऊपर कारवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है ,लेकिन बाकी को क्यों छोड़ बख्सा जा रहा है या हजम करना मुश्किल है।
सीएमओ बोले, नोडल अधिकारी जाने–
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ओम प्रकाश चौधरी का कहना है कि इस संबंधल में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राधावल्लभ ही कुछ बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास बहुत काम है मैं क्या-क्या करूं डॉ राधावल्लभ नोडल अधिकारी हैं। उन्हें यह स्पष्ट निर्देश है कि अभियान चलाकर अनरजिस्टर्ड संस्थाओं को सील किया जाए। सीएओ कहा कि  इस विषय मे डॉ राधाबल्लभ ही ज्यादा जानकारी रखते हैं।
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