जांच मे फंसे राजर्षी दशरथ मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य

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अवधनामा संवाददाता

प्रमुख सचिव ने तीन सदस्यों की जांच समिति बनाकर पूरे मामले की जांच के दिए निर्देश दिए

अयोध्या। लोकायुक्त की जांच मे राम नगरी अयोध्या के राजर्षि दशरथ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डा. ज्ञानेंद्र कुमार बुरी तरह फंस गए हैं। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच शुरू कर दी गई है। इस संदर्भ में लोकायुक्त प्रशासन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को तीन सदस्यों की जांच समिति बनाकर पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। जांच टीम को कहा गया है कि 24 मई तक जांच रिपोर्ट लोकायुक्त प्रशासन को पेश करें।
राम नगरी जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ड्रीम सिटी है।लोगों को सही व सस्ती स्वास्थ सेवाएं मिल सके इसके लिए भाजपा सरकार ने मेडिकल कालेज मे तमाम सुविधाएं मुहैया कराई हैं। फिर भी यहां के मेडिकल कालेज की स्थिति कुछ अच्छी नहीं हैं।अस्पताल भ्रष्टाचार का केन्द्र बन गया है। इसे लेकर सिद्धार्थनगर निवासी सतीश चन्द्र की शिकायत पर लोकायुक्त ने प्रधानाचार्य ज्ञानेंद्र कुमार के विरुद्ध जांच शुरू कराई है।
शिकायत मे ये आरोप लगाए गए हैं
सतीश चन्द्र ने शिकायत में आरोप लगाया है कि कई प्रकार की बीमारियों की जांच के लिए मशीनों की खरीद की हैं। इन मशीनों की खरीद करने में उन्होंने भ्रष्टाचार किया है। साथ ही अस्पताल में पहले चल रहे आइसीयू को निजी अस्पतालों के साथ मिलीभगत करके बंद करा दिया है। वार्ड ब्वाय की भर्ती में भी एक-एक लाख रुपये लेने के आरोप शिकायतकर्ता ने लगाए हैं। दवाइयों से लेकर हर मामले में प्रधानाचार्च भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इसी के आधार पर लोकायुक्त ने प्रमुख सचिव को तीन सदस्यों की गठित समिति बनाकर आरोपों की विभागीय जांच के निर्देश दिए।

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