मोहर्रम की नवीं तारीख को शनिवार के दिन अलाव के बाद ताजिया जुलूस की तैयारियां कस्बे में जोर-शोर से चल रही हैं। ताजियादार दिन-रात मेहनत कर ताजियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। परंपरागत रूप से नवीं और दसवीं मोहर्रम को कस्बे व आसपास के क्षेत्रों में ताजिया निकाले जाते हैं, जबकि आठवीं मोहर्रम को बुर्राक का जुलूस निकाला जाता है। यह जुलूस शुक्रवार देर रात छोटा कसौड़ा स्थित इमाम चौक से शुरू होकर परंपरागत मार्गों से होता हुआ शनिवार तड़के तक चलेगा।शनिवार रात को होने वाले अलाव (आग का मातम) के बाद ताजिया जुलूस निकाला जाएगा, जो परंपरागत मार्गों से गुजरते हुए संपन्न होगा।
ताजिया जुलूस से पहले ताजियादार अपने ताजियों को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। बड़ा कसौड़ा हैदरिया में अख्तर हुसैन लकी, समीर, फरहान, सलमान, अक्बर हुसैन बिक्की, सैफ उर्फ मुन्ना, सरताज उर्फ भोपा, चमन, अरमान कुरेशी, अरमान, अयाज, अयान, हैदर निजामी, अली हसनैन सहित मोहल्ले के किशोर ताजिया निर्माण में जुटे हैं। अनवर हुसैन इन सभी को दिशा-निर्देश दे रहे हैं।बच्चों ने बताया कि उन्होंने ताजिया निर्माण के लिए बिजली, कागज, लकड़ी जैसे कार्यों को आपस में बांट लिया है और सभी अपने-अपने काम को पूरी मेहनत से अंजाम दे रहे हैं। उनका कहना है कि शनिवार सुबह तक उनका ताजिया जुलूस के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा।फोटो कैप्शन: ताजिया को अंतिम रूप देते हुए मेहनत करते मासूम बच्चे।