गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शिविरों का आयोजन सोमवार को जिले की 65 स्वास्थ्य संस्थाओं में किया गया। जांच के लिए महिलाओं को शिविर में लाने एवं घर छोड़ने की सुविधा 108 एंबुलेंस के माध्यम से निशुल्क दी गई। इस वर्ष शिविरों में 3564 गर्भवती महिलाओं का परीक्षण कर 427 हाईरिस्क महिलाओं को चिह्नित किया जा चुका है।
दरअसल, गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए प्रत्येक माह की 9 और 25 तारीख को इन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। नौ जून को अवकाश होने के कारण ये शिविर 10 तारीख को यानी सोमवार को आयोजित किए गए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए आवश्यक है कि उच्च जोखिम की गर्भवती महिलाओं का सही समय पर चिन्हांकन किया जाए। जिससे इन गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत भोपाल में सर्वाधिक 65 स्वास्थ्य संस्थाओं में शिविर आयोजित किया जा रहे हैं। शिविरों में निजी क्षेत्र के चिकित्सक भी सेवाएं दे रहे हैं। सिविल अस्पताल बैरसिया, सिविल अस्पताल बैरागढ़ , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गांधीनगर में निजी क्षेत्र के सोनोलॉजिस्ट द्वारा जांच की जा रही है।
गर्भवती महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को देखते हुए सर्वप्रथम भोपाल जिले में परामर्श सेवा प्रारंभ की गई है। इसके तहतअखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,गांधी मेडिकल कॉलेज, जयप्रकाश जिला चिकित्सालय , सिविल अस्पताल डॉ. कैलाशनाथ काटजू में गर्भवती महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य परामर्श भी दिया जा रहा है। एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविरों में जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं का पिकअप एंड ड्रॉपबैक 108 द्वारा नि:शुल्क किया जा रहा है।अस्पतालों में क्यूआर कोड भी लगाए गए हैं, जिनको स्कैन करके गर्भावस्था के गंभीर लक्षणों की जानकारी ली जा सकती है।
अभियान में गर्भावस्था की दूसरी एवं तीसरी तिमाही की महिलाओं की जांच कर हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन किया जाता है। उच्च जोखिम के लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं की जांच, परामर्श, उपचार, पैथोलॉजी जांच, सोनोग्राफी जांच की जाती है। आशा,एएनएम द्वारा गर्भवती महिलाओं को परामर्श एवं जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में लाया जाता है। जहां पर चिकित्सकों द्वारा महिलाओं में गर्भावस्था के गंभीर लक्षणों की पहचान कर सलाह एवं दवाइयां दी जाती हैं। शिविरों में एनीमिया, गर्भावस्था जनित उच्च रक्तचाप, गर्भावस्था जनित डायबिटिज़, पूर्व में ऑपरेशन द्वारा प्रसव इत्यादि लक्षण होने पर हाई रिस्क प्रेगनेंसी के रूप में चिन्हित किया जाता है। इन महिलाओं को विशेष चिकित्सकीय देखभाल एवं परामर्श की सेवाए प्रदान की जाती है। विशेषज्ञीय चिकित्सकीय परामर्श के साथ हीमोग्लोबिन, यूरिन एल्ब्युमिन, शुगर, मलेरिया, टीबी,हेपेटाईटिस, ओरल ग्लूकोज़ टेस्ट, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस की जांच की जाती है। चिकित्सकीय परामर्श अनुसार सोनोग्राफी एवं थायराईड की जांच भी की जाती है।