विकास भवन सभागार में हुआ प्री व पोस्ट लिटिगेशन कार्यशाला का आयोजन

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अवधनामा संवाददाता

 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया आयोजन

बांदा। बुधवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं जिला जज / अध्यक्षा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा श्रीमती कमलेश कच्छल के निर्देशन में विकास भवन सभागार में टेली- ला एवं प्री व पोस्ट लिटिगेशन मीडिएशन के सम्बंध में एक कार्यशाला एवं विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया ।
सर्वप्रथम श्रीमती सुचेता चौरसिया, सचिव- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा द्वारा प्री व पोस्ट लिटिगेशन मीडिएशन के सम्बंध में जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि वर्तमान में दीवानी व फौजदारी के लघु आपराधिक वादों में वादी प्रतिवादीगण यदि आपस में सहमत हो तो उनके मध्य सुलह समझौता कराकर वादों का निस्तारण भी न्यायालय से किया जा सकता है। जिससे कि वादी प्रतिवादीगण / पक्षकारों के समय और धन की बचत होती है। यदि वाद न्यायालय में दर्ज नही है एवं थाना स्तर पर कार्यवाही की जा रही है या प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के पूर्व भी यदि पक्षकार सहमत हो तो कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा में अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर समझौता कर सकते है जिससे कि दोनो पक्षों के समय व धन की बचत होती है। इसी प्रकार दाम्पत्य विवादों के सम्बंध में पति पत्नी भी अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर मध्यस्थ अधिवक्ताओं द्वारा मध्यस्थता करते हुए सुलह के आधार पर समझौता कर वाद का निस्तारण करा सकते है जिससे कि पक्षकार लगने वाले मुकदमों, पुलिस कार्यवाही से बच सकते है व समय, धन की बचत कर सकते है।
वागीश सिंह, स्टेट कॉर्डिनेटर टेली-लॉ, लखनऊ द्वारा टेली-लॉ के सम्बंध में जानकारी प्रदान करते हुए कहा गया कि टेली-लॉ प्रोजेक्ट न्याय मंत्रालय, विधिक सेवा प्राधिकरण तथा कॉमन सर्विस सेन्टर ई गवर्नेस सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड द्वारा शुरु किया गया। टेली-लॉ का अर्थ है कानूनी जानकारी और सलाह देने के लिए संचार और सूचना प्रौद्यिगिकी का उपयोग । यह वकीलों और लोगों के बीच एक ई-बातचीत सीएससी में उपलब्ध विडियों कॉन्फेसिंग बुनियादी ढांचे के माध्यम से होगी। प्रोजेक्ट टेली-लॉ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व भारत सरकार की एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है जिसके माध्यम से जनपद के दूरस्थ स्थानों पर निवास करने वाले व्यक्ति भी समाज की मुख्य धारा में आ जाते है। प्रोजेक्ट टेली- लॉ समाज के कमजोर व्यक्तियों को एक ऐसा अवसर प्रदान करता है जहां पर एक ही छत के नीचे वह अपनी सभी विधिक समस्याओं का समाधान तथा राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा पाता है। टेली- लॉ जनपद के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले हर व्यक्ति को सफलतापूवर्क जोड़ने औश्र उनके द्वा पर कानूनी सहायता पहुॅचाने का प्रथम पहला प्रयास है, समाज के हाशिए पर रहने वाले सभी समुदायों का समावेशन और उनका कानूनी सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए डिजीटल भारत के तहत टेली-लॉ एक जरुरी प्रयास जो संयुक्त रुप से न्याया विभाग, विधि और न्याय मंत्रालय, विधिक सेवा प्राधिकरण और कॉमन सर्विस सेण्टर है, गवर्नेस सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड द्वारा शुरु किया गया है। इस कार्य में आमजन के मध्य जागरुकता व इसे वास्तविक रुप देने के लिए सम्बद्ध किये गये पराविधिक स्वयं सेवकों को सर्वप्रथम ग्रामों के विभिन्न प्लेटफार्मों की पहचान करे जैसे कि आंगनबाड़ी सभा, बाजार, सामुदायिक हॉल आदि । वीडियों कॉन्फ्रेसिंग, फोन कॉल और तत्काल फोन कॉल प्राविधान के माध्यम से नागरिकों को परामर्श के लाभो के बारे में बताएं, नागरिकों की समस्याओं को ध्यान से सुने द्य टेली-लॉ के अन्तर्गत दुर्घटना मुआवजा मामले, दहेज, घरेलू हिंसा के मामले, उपभोक्ता विवाद, जमीन जायदाद व सम्पत्ति के मामले, बुनियादी सेवाओं, अनुसूचित जाति / जनजाति के प्रति अत्याचार, गिरफ्तारी, एफ0आई0आर0, जमानती, गैर जमानती अपराध, जमानत मिलने की प्रक्रिया, लिंग जांच या भ्रूण हत्या, सूचना का अधिकार, सेवा मामला, किरायेदारी, पट्टे से सम्बन्धित मामले आदि वादों में निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है। कोई भी पीड़ित व्यक्ति अथवा कानूनी सलाह प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति जनसेवा केन्द्र पर जाकर टेली-लॉ पोर्टल पर आवेदन कर समस्या रजिस्टर कर नामित अधिवक्ताओं से निःशुल्क विधिक सलाह ले सकते है। शिविर में राशिद अहमद – डी.ई.ओ. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा, मोहम्म्द जकी व ध्रुव कुमार सी. एस. सी. जिला प्रबन्धक, बांदा, मुनीन्द्र कुमार, पैनल लायर टेली- लॉ हमीरपुर के साथ अरशद खान, अंकुर गुप्ता, श्रीमती बुशरा जैदी, श्रीमती रोहिणी, नदीम अहमद, मुसाब अहमद, सैयद खुर्शीद अनवर, श्रीमती रुबी जैनब, नदीम अहमद, गोल्डी, सुश्री सुमन व श्रीमती रीता देवी पराविधिक स्वयं सेवक उपस्थित रहे।

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