प्रधान संघ अपनी मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन

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अवधनामा संवाददाता

आजमगढ़। प्रधान संघ आजमगढ़ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद नय्यर आजम के नेतृत्व में सभी ब्लॉक के ब्लॉक प्रधान संघ अध्यक्ष और प्रधानों का एक बैठक मेहता पार्क में आहूत की गई और एक 16 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री को नामित जिलाधिकारी को सौंपा गया वही पत्रकारों से बातचीत में मुख्य अतिथि प्रधान प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम यादव ने बताया कि भारत सरकार एवं उ0प्र0 सरकार द्वारा पंचायत एवं ग्राम सभा हेतु विभिन्न दिशा निर्देश जारी किये जा रहे हैं। जिससे संवैधानिक व्यवस्था के आधार पर चुने हुए जनप्रतिनिधि ग्राम प्रधानों के अधिकारों में हस्तक्षेप हो रहा है जिसके कारण ग्रामसभा के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है। तत्संदर्भ में प्रधान संघ आजमगढ़ द्वारा विभिन्न मांगों को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा है। तो निम्नलिखित है एनएमएमएस ऐप से उपस्थिति अंकित करने का शासनादेश वापस लिया जाय । मनरेगा से सम्पादित कार्यों का भुगतान प्रधान एवं सचिव के हस्ताक्षर से किया जाय। ग्राम सभा में सभी नियुक्त संविदाकर्मी का मानदेय व सरकारी भवनों के विद्युत बिल आदि भुगतान के लिए सरकार द्वारा अलग से धनराशि उपलब्ध करायी जाय। ऐसी सभी ग्राम पंचायतें जिनकी क्षमता 7 लाख से कम है उनके यहाँ सचिवालय निर्माण व कायाकल्प के लिए अलग से वित्त उपलब्ध दराया जाय । ग्राम प्रधानों का सम्पूर्ण भुगतान मानदेय भत्ता आदि कम से कम रू 30,000- प्रतिमाह किया जाय। मनरेगा पारिश्रमिक बढ़ाकर भजदूर के लिए रू0 400ध्- मिस्त्री के लिये रू 700- अर्धकुशल श्रमिक रू 500- भुगतान किया जाय। ग्राम पंचायतों की केन्द्रीय वित्त की धनराशि 30ः कटौती हुई है उसे ग्राम केन्द्रीय वित्त में जोड़ा जाय। नई नगर पंचायतों का सृजन व विस्तारीकरण से प्रभावित प्रधानों का पाँच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने दिया जाय। ग्राम पंचायतो में प्रयुक्त मैटेरियल का मूल्य बाजार मूल्य के समतुल्य निर्धारित किया जाय। प्रधानों व सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के विरूद्ध अभियोग पंजीकरण से पूर्व उपनिदेशक पंचायती राज से अनुमति का प्रावधान किया जाय तथा बिना शपथ पत्र के प्रधानों की जॉच न करायी जाये । झूठी शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ता के विरूद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जाय 73वाँ संविधान संशोधन लागू किया जाय । मनरेगा द्वारा कराये गये कच्चे कार्य की जॉच कार्य समाप्त होने के बाद तुरन्त कराया जाय । सत्र के बाद जाँच के नाम पर प्रधानों को परेशान न किया जाय। ग्राम सभा में ग्रामसभा की भूमि चाहे किसी भी प्रकार की हो किसी कार्यदायी संस्था द्वारा कार्य ग्रामसभा की सहमति से ही किया जाय । ग्राम राजस्व सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, रोजगार सेवक, सचिवालय सचिव, काईकर्मी की उपस्थिति रजिस्टर सचिवालय पर हो जो दैनिक उपस्थिति के लिए अनिवार्य हो जिला योजना समिति में प्रधानों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाय । प्रधानों की मांग पर शस्त्र लाइसेन्स जारी किया जाय। प्रत्येक माह में एक दिन सभी विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ प्रधानों की बैठक की जाय।यदि हमारी मांगे भारत सरकारध्उत्तर प्रदेश सरकार नहीं मानी तो प्रसंग सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार करेगा, और धरना के लिए बाध्य होगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधान प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम यादव और इसकी अध्यक्षता प्रधान संग जिलाध्यक्ष मोहम्मद नय्यर आजम जी कियें। कार्यक्रम में सभी ब्लाक-के-ब्लाक प्रधान संग अध्यक्ष और जिले के प्रधान लोग उपस्थित हुए ।

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