अवधनामा संवाददाता
मया बाजार -अयोध्या।जनपद के विकासखंड मया मे फर्म वाणिज्य कर विभाग में पांडाल या शामियाना सेवाएं के लिए जीएसटी ली है लेकिन फर्म ने मया भीखी ग्राम पंचायत मे इंटरलॉकिंग ईट (पेवर ब्लॉक) आदि सामग्रियों का सप्लाई किया गया है। जिसका भुगतान बिल नंबर 077,078,079, 080,0244,0245, 0246,0247 ,0237, 0238, 0339 ,0240,0241, 0242 ,0243 15 बिलो से 700000 रूपये से अधिक भुगतान किया गया है। ग्राम प्रधान कांति व सचिव रामशंकर वर्मा ने जानबूझकर स्वयं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य किया है ।जो वाणिज्य कर विभाग के नियम के विरुद्ध है।इस तरह का मामला लगभग 40 ग्राम पंचायतों से अधिक में प्रकाश में आया है। जिसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी मया को शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से लीगल नोटिस पंजीकृत डाक से भेजा गया है।ओम ब्रिकी फील्ड टिन नंबर09AEGPY8399Q1ZW निरस्त हो गया है।फिर भी ग्राम प्रधान व सचिव से सांठगांठ कर लाखों के भुगतान हो रहे हैं। अजय बिल्डिंग मैटेरियल टिन न 09DUIPK3334N1ZI और आस्था बिल्डिंग मैटेरियल टिन नंबर 09HXFPS134E1Z9 बंद हो गई है। फिर भी भुगतान हो रहे हैं। अमर जनरल ऑर्डर सप्लायर व अनिल ट्रेडर्स समाधान में हैं, और टैक्स ग्राम पंचायतों मे वीर शाहपुर , मनापारा आदि ग्राम पंचायतों में मैटेरियल कोड दर्शा कर टैक्स तो लेते हैं। लेकिन वाणिज्य कर विभाग को ना देकर उसकी चोरी करते हैं।यह तो सिर्फ नमूने मात्र है विकासखंड मया में ग्राम प्रधान व सचिव की मिली सांठगांठ से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा से अपने पद का गलत उपयोग करते हुए अपने दायित्वों का निर्वाहन न करते हुए फर्जीवाड़ा बेईमानी पूर्वक कई लाखों रुपए धनराशि का वाणिज्य कर चोरी की गई है। यह तो सिर्फ मनरेगा का मामला है। इस तरीके से राज्यवित्त/ 14वां वित्त/ 15 वा वित्त में भी इन्हीं फर्मों से सामग्री सप्लाई ली गई है। लीगल नोटिस में खंड विकास अधिकारी को यह लिखा गया है,कि उपरोक्त प्रकरण आपके विभाग से संबंधित है। उपरोक्त ग्राम पंचायतों से बिल वाउचर की प्रमाणित छायाप्रति संबंधित कार्य का विवरण प्रार्थी प्राप्त करना चाहता है। जिसका जवाब प्रार्थी को 15 दिनों के अंदर देने का कष्ट करें। अब देखना यह है, कि प्रार्थी को 15 दिनों के अंदर मांगी गई बिल बाउचर की छाया प्रति दिया जाता है या नहीं।