पुणे। पुणे स्थित भारतीय सीरम संस्थान (Serum Institute of India) के मंजरी परिसर में गुरुवार (Thursday) को आग लग गई। इस हादसे में पांच लोगों की मौत (Death) हुई है। वहीं कई बीमारियों की वैक्सीनों (Vaccines) को नुकसान हुआ है। कंपनी के CEO आदर पूनावाला (Adar Poonawalla) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आग लगने से टीबी (TB) की वैक्सीन (Vaccine) BCG, रोटावायरस (Rotavirus Vaccine) वैक्सीन और दूसरे कई उत्पादों को नुकसान पहुंचा है। बता दें आदर पूनावाला (Poonawalla) इस समय विदेश में हैं।
गुरुवार दोपहर पुणे (Pune) के मंजरी स्थित सीरम इस्टीट्यूट (Serum Institute) के प्लांट (Plant) में एक नई इमारत में आग लग गई थी। इससे इमारत की कई मंजिल पूरी तरह तबाह हो गई और पांच लोगों की मौत हुई थी। कई घंटों की मेहनत के बाद इस आग पर काबू पाया गया था। हालांकि, इस आगजनी से सीरम इस्टीट्यूट (Serum Institute) द्वारा बनाई जा रही कोरोना वायरस (Corona Virus Vaccine Covi-shield) वैक्सीन कोविशील्ड के उत्पादन पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा है। जानकारी के मुताबिक, मंजरी प्लांट (Manjari Plant) में बीसीजी वैक्सीन (BCG Vaccine) बनाने का काम चल रहा था। यह वैक्सीन टीबी (Vaccine TB) की बीमारी में काम आती है। साथ ही, अन्य कई बीमारियों में भी जीवनदायक वैक्सीन (Vaccine) साबित हुई है।
SII के चैयरमेन (Chairman) और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर साइरस पूनावाला (Sairas Poonawala) ने कहा, “मंजरी (Manjari) में स्पेशल इकॉनोमिक जोन (Special Economic Zone) में बनी नई इमारत में आग लगी थी। यह इमारत बीसीजी (BCG) और रोटावायरस वैक्सीन (Rotavirus Vaccine) अधिक उत्पादन के लिए बनाई गई थी। अभी तक आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जल्द ही इससे हुए नुकसान का आकलन करेंगे। कंपनी ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुप मुआवजे का भी ऐलान किया था।
SII के कार्यकारी निदेशक डॉ राजीव डेरे (Dr. Rajeev Dere) ने कहा कि, आप इस सदमे और मानवीय त्रासदी की कल्पना नहीं कर सकते हैं जो भारी नुकसान के अलावा यहां हुई है। सीरम संस्थान (Serum Institute) विश्व स्तर पर उत्पादित और बेची गई खुराक की संख्या (1.5 बिलियन से अधिक खुराक) के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन (Vaccine) निर्माता है। यहां पर पोलिया (Polio) , टेटनस (Tetnus) और डिप्थीरिया (Diptheria) समेत कई बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार की जाती है। ऐसा अनुमान है कि दुनिया के 65 प्रतिशत (65%) बच्चों को SII द्वारा बनाई गई कम से कम एक वैक्सीन (Vaccine) की खुराक दी गई है।